“ये धोखा है…”, ऐसा क्यों बोल रहे हैं कुशवाहा? जानिए NDA में सीट बंटवारे से पहले कलह की वजह
उपेंद्र कुशवाहा ने ये क्या कह दिया?
NDA Seat Sharing: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की गहमागहमी शुरू हो चुकी है, लेकिन सियासी गलियारों में ड्रामा कम होने का नाम नहीं ले रहा. नामांकन की प्रक्रिया जोरों पर है, मगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सीटों का बंटवारा अभी तक पक्का नहीं हुआ. और इस बीच, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने एक ऐसी पोस्ट कर दी कि सियासी हलकों में हलचल मच गई है. आखिर क्या है ये माजरा?
कुशवाहा का गुस्सा
उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर तीखा तंज कसते हुए लिखा, “इधर-उधर की खबरों पर मत जाइए, वार्ता अभी पूरी नहीं हुई. अगर कोई खबर प्लांट कर रहा है, तो ये छल है, धोखा है.” अब ये पोस्ट कोई साधारण पोस्ट नहीं थी, बल्कि एक सियासी बम थी, जिसने सबके कान खड़े कर दिए. कुशवाहा का कहना है कि एनडीए में सीट बंटवारे पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर कुशवाहा इतने नाराज क्यों हैं?
6 सीटों से ज्यादा की जिद
सूत्रों की मानें तो कुशवाहा अपनी पार्टी के लिए 6 से ज्यादा सीटें चाहते हैं. बीजेपी ने भले ही 6 सीटों का वादा किया हो, लेकिन कुशवाहा को ये मंजूर नहीं. वो मगध क्षेत्र में एक सीट के साथ-साथ खजौली, मधुबनी, उजियारपुर, महुआ, दिनारा, और सासाराम जैसी सीटों पर भी नजर गड़ाए हुए हैं. अब इतनी सीटों की डिमांड ने बीजेपी को सोच में डाल दिया है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि कुशवाहा की यह जिद एनडीए में तनाव की बड़ी वजह बन रही है.
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दिल्ली में होगी ‘महाबैठक’
इस सियासी खींचतान को सुलझाने के लिए अब दिल्ली में एक बड़ी बैठक होने जा रही है. एनडीए के सभी घटक दलों के बड़े नेता, जैसे चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा, दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद सीट बंटवारे का ऐलान हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि अगले एक-दो दिन में ये पेंच सुलझ सकता है और पटना से ही इसका औपचारिक ऐलान होगा.
चुनाव का टाइमटेबल
चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव का शेड्यूल पहले ही जारी कर दिया है. 243 सीटों पर दो चरणों में वोटिंग होगी. 6 नवंबर को 121 सीटों पर और 11 नवंबर को बाकी सीटों पर. नामांकन की प्रक्रिया 10 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है और 17 अक्टूबर तक चलेगी. ऐसे में एनडीए और महागठबंधन के पास समय बहुत कम है. अगर जल्दी फैसला नहीं हुआ, तो प्रत्याशियों के ऐलान में देरी पार्टियों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है.
क्यों है इतना हंगामा?
बिहार की सियासत में सीट बंटवारा हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है. हर दल अपनी ताकत दिखाना चाहता है, और एनडीए के अंदर भी यही खेल चल रहा है. कुशवाहा की नाराजगी इस बात का संकेत है कि छोटे दल भी अपनी अहमियत दिखाने के मूड में हैं. वहीं, बीजेपी और जेडीयू जैसे बड़े दल गठबंधन को एकजुट रखने की कोशिश में जुटे हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या ये सियासी ड्रामा समय पर खत्म होगा, या फिर चुनावी रण में और ट्विस्ट आएंगे? क्या कुशवाहा अपनी मांगें पूरी करवा पाएंगे? क्या एनडीए एकजुट होकर मैदान में उतरेगा? इन सवालों के जवाब जल्द ही मिलने वाले हैं.