अब लगेगी चीन को मिर्ची! दलाई लामा को भारत रत्न दिलाने की मुहिम तेज, सांसदों ने केंद्र सरकार से की अपील

1960 के दशक में चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद से दलाई लामा भारत में निर्वासित जीवन जी रहे हैं. वह लगातार तिब्बती समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
Dalai Lama Bharat Ratna Demand

दलाई लामा

Dalai Lama Bharat Ratna Demand: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिए जाने की मांग अब जोर पकड़ रही है. कुछ सांसदों ने इस मुहिम को छेड़ा है, जिसमें बीजेपी, बीजेडी और जेडीयू जैसे बड़े दलों के सांसद शामिल हैं. इन सभी सांसदों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि दलाई लामा को यह बड़ा सम्मान दिया जाए.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, ‘तिब्बत के लिए सर्वदलीय भारतीय संसदीय मंच’ ने हाल ही में अपनी दूसरी बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई. सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने सरकार को एक चिट्ठी भी भेज दी है. इस चिट्ठी में सिर्फ भारत रत्न की मांग नहीं है, बल्कि यह भी अनुरोध किया गया है कि दलाई लामा को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने का मौका दिया जाए.

अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें चीन को क्यों मिर्ची लगेगी? दरअसल, दलाई लामा को इतना बड़ा सम्मान और मंच देना चीन को रास नहीं आएगा, क्योंकि चीन तिब्बत पर अपना दावा करता है और दलाई लामा को एक अलगाववादी नेता मानता है.

इस मुहिम को और मजबूत बनाने के लिए दलाई लामा के भारत रत्न नामांकन के लिए एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है. अब तक करीब 80 सांसदों ने इस पर दस्तखत कर दिए हैं और लक्ष्य 100 सांसदों के हस्ताक्षर जुटाने का है. इसके बाद इस ज्ञापन को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा.

राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार ने बताया, “हमारा समूह दलाई लामा के लिए भारत रत्न की मांग कर रहा है. इस अभियान को विपक्षी दलों के सांसदों का भी पूरा समर्थन मिल रहा है. हम लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्षों को चिट्ठी लिखकर दलाई लामा को संयुक्त सत्र में बोलने का अवसर देने का अनुरोध करेंगे.”

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दलाई लामा का संदेश

हाल ही में दलाई लामा ने अपना 90वां जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया. इस खास मौके पर त्सुगलागखांग मंदिर के प्रांगण में हजारों की संख्या में भक्त उमड़ पड़े और उन्होंने 14वें तिब्बती आध्यात्मिक नेता को अपनी शुभकामनाएं दीं. इस समारोह में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू, राजीव रंजन सिंह, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, सिक्किम के मंत्री सोनम लामा और हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेरे जैसी हस्तियों ने भी शिरकत की.

आपको बता दें कि 1960 के दशक में चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद से दलाई लामा भारत में निर्वासित जीवन जी रहे हैं. वह लगातार तिब्बती समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. दलाई लामा ने एक बड़ा बयान दिया था, जिसमें उन्होंने साफ किया कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी और उनके भविष्य के पुनर्जन्म को मान्यता देने का अधिकार केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट को होगा. इस बयान से संस्था के भविष्य को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गया है.

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