दुर्लभ खनिजों पर ड्रैगन की दादागीरी होगी खत्म! जल्द ही नामीबिया जा रहे हैं पीएम मोदी

चीन पर लगाम इस दौरे का सबसे महत्वपूर्ण पहलू दुर्लभ खनिजों (Rare Earth Metals) को लेकर है. ये खनिज इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स तक, हर चीज़ के लिए ज़रूरी हैं. अभी तक इन खनिजों पर चीन का लगभग 90% नियंत्रण है.
PM Modi

पीएम मोदी

India Namibia Deal: पीएम मोदी जल्द ही अफ्रीकी देश नामीबिया के दौरे पर जा रहे हैं. यह दौरा भारत के लिए कई मायनों में गेम-चेंजर साबित हो सकता है, खासकर हीरे के व्यापार और दुर्लभ खनिजों के क्षेत्र में. यह खबर चीन के लिए किसी झटके से कम नहीं है, जो अब तक दुनिया के महत्वपूर्ण खनिजों पर अपना एकाधिकार जमाए बैठा है.

हीरों का नया रास्ता

अभी तक नामीबिया के हीरे लंदन या बेल्जियम के रास्ते घूमकर भारत पहुंचते हैं, लेकिन पीएम मोदी के इस दौरे के बाद भारत और नामीबिया के बीच सीधे हीरे का व्यापार शुरू होने की उम्मीद है. यह भारत के लिए एक बड़ी राहत होगी, क्योंकि हमारे देश में हीरे की प्रोसेसिंग का काम बड़े पैमाने पर होता है. कई भारतीय कंपनियां तो पहले से ही नामीबिया में हीरे के खनन और प्रोसेसिंग में निवेश कर चुकी हैं.

नामीबिया के पास समुद्र के नीचे हीरों का विशाल भंडार है, अनुमान है कि यहां 8 करोड़ कैरेट से भी ज़्यादा हीरे मौजूद हैं! यह दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री हीरा भंडार है, जो ज़मीन पर मिलने वाले हीरों से भी कहीं ज़्यादा है. भारत ने नामीबिया में खनन, उत्पादन और सर्विस सेक्टर में करीब 800 मिलियन डॉलर का निवेश किया है.

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चीन पर लगाम

इस दौरे का सबसे महत्वपूर्ण पहलू दुर्लभ खनिजों (Rare Earth Metals) को लेकर है. ये खनिज इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स तक, हर चीज़ के लिए ज़रूरी हैं. अभी तक इन खनिजों पर चीन का लगभग 90% नियंत्रण है. चीन ने अक्सर इनके निर्यात पर मनमानी पाबंदियां लगाकर दुनिया भर में हाहाकार मचाया है.

अगर नामीबिया भारत का साझेदार बनता है, तो इससे चीन की दादागिरी पर लगाम लग सकती है. नामीबिया में कोबाल्ट, लिथियम और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की नई खनन परियोजनाएं शुरू होने की संभावना है. इसके अलावा, भारत की नज़र नामीबिया के विशाल यूरेनियम भंडार पर भी है. नामीबिया यूरेनियम का एक बड़ा उत्पादक है, और अगर भारत को वहां से यूरेनियम मिलता है, तो यह हमारे परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक बड़ी मदद होगी, खासकर जब सरकार इस क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए भी खोलने की तैयारी कर रही है.

कुल मिलाकर, पीएम मोदी का यह नामीबिया दौरा भारत को न केवल हीरे के व्यापार में सीधे संबंध बनाने में मदद करेगा, बल्कि महत्वपूर्ण खनिजों के लिए चीन पर निर्भरता कम करके भारत को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत स्थिति में लाएगा.

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