महाराष्ट्र की राजनीति के दो धुर-विरोधी BMC चुनाव में आएंगे साथ, मराठी-मुस्लिम वोटर्स को साधने की तैयारी में उद्धव और राज ठाकरे
उद्धव और राज ठाकरे (फाइल फोटो)
BMC Election: महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव के आसार दिखाई दे रहे हैं. करीब 1 दशकों से एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे ठाकरे परिवार अब एक साथ नजर आने वाले हैं. दोनों ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव के लिए हाथ मिलाने की तैयारी कर ली है. जानकारी के अनुसार दोनों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बात चल रही है ताकि आगमी BMC चुनाव में ठाकरे बंधु कामयाब हो सकें. सूत्रों की मानें तो मराठी-मुस्लिम समीकरण को साधने की पूरी तैयारी की जा रही है. BMC चुनाव में 113 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम और मराठी ही जीत-हार तय करते हैं. अब देखना यह होगा कि इस गठबंधन का चुनाव में कितना असर देखने को मिलता है.
दरअसल, BMC चुनाव में मुंबई में कुल 227 सीटें हैं, जिसमें 41 सीटें मुस्लिम प्रभाव वाली तो वहीं 72 सीटें मराठी बहुल हैं. ऐसे में अगर ठाकरे परिवार को मुंबई में अपना जलवा बरकरार रखना है तो इस चुनाव में जीत को अपने नाम करना ही होगा. इसलिए मुस्लिम-मराठी समीकरण को साधने के लिए दोनों भाई एक साथ आ रहे हैं. अगर ठाकरे परिवार एक साथ आ जाता है तो ऐसे में संभावना है कि BMC चुनाव अपने नाम आसानी से कर पाएंगे. मुंबई की अगर बात करें तो यहां कई दशकों से ठाकरे परिवार का वर्चस्व रहा है. दोनों के बीच फिलहाल सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत चल रही है.
सीट शेयरिंग पर बात क्लियर नहीं
जानकारी के अनुसार शिवसेना (UBT) 140-50 सीटों पर तो वहीं एमएनएस 60-70 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. मनसा ज्यादातर उन सीटों पर चुनाव लड़ने में अड़ी हुई है, जहां पर पहले से ही शिवसेना काफी मजबूत स्थिति में है. इसलिए अभी सीट शेयरिंग को लेकर फाइनल बातचीत नहीं हो पाई है. जहां उद्धव अल्पसंख्यकों के वोटों पर नजर बनाए हुए हैं तो वहीं राज ठाकरे की नजर मराठी वोटरों पर है. ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों भाई मराठी अस्मित को फिर से केंद्र पर लाने की तैयारी पर हैं.
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ठाकरे बनाम महायुति का सीधा मुकाबला
जानकारी के अनुसार फाइनल बात होने पर सार्वजनिक रूप से एकता को दर्शाने के लिए मुंबई में रैलियां कर सकते हैं. रैली के जरिए ठाकरे बनाम महायुति का संदेश देने की तैयारी है. माना जा रहा है कि 48 घंटों के अंदर दोनों के बीच फाइनल बातचीत होने की संभावना है. इसके बाद औपचारिक रूप से घोषणा करने पर आगे की रणनीति साफ होगी.