चुनावी बिसात पर ‘शकुनि’ की तरह पासा फेंक रहे हैं CM नीतीश…एक-एक दांव से कर रहे हैं ‘खेला’!

Bihar Welfare Schemes: नीतीश ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की घोषणा की है. इस योजना के तहत बिहार के करीब 3 करोड़ परिवारों की एक महिला को 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी. यह पैसा उन्हें अपना छोटा-मोटा काम शुरू करने के लिए दिया जाएगा और खास बात यह है कि इसे वापस नहीं करना होगा.
Nitish Kumar

इस बार भी पुराने दांव से बिहार फतह करने की तैयारी में सीएम नीतीश!

Bihar Politics: बिहार की राजनीति में इन दिनों एक अलग ही गर्माहट है. वजह है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का मास्टरस्ट्रोक, जिसने विपक्ष को सकते में डाल दिया है. माना जा रहा है कि चुनावी मौसम से पहले उन्होंने जो दांव चला है, वो बिहार की सियासी हवा का रुख बदल सकता है. यह सिर्फ वादों की बात नहीं है, बल्कि सीधे-सीधे लोगों की जेब तक फायदा पहुंचाने की योजनाएं हैं. सियासी जानकारों की मानें तो राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ से जो माहौल बनाने की कोशिश की, उसे सीएम नीतीश ने एक ही दांव से बिगाड़ दिया है.

नीतीश ने फेंके तीन बड़े पासे

अब तक विपक्ष को लग रहा था कि मुफ्त की योजनाओं की बात सिर्फ उन्हीं के पास है, लेकिन नीतीश ने चुपचाप अपनी तरकश से तीन ऐसे तीर निकाले हैं, जिन्होंने सबको हैरान कर दिया है.

महिलाओं को रोजगार की ‘पहली किस्त’

सीएम नीतीश ने ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ की घोषणा की है. इस योजना के तहत बिहार के करीब 3 करोड़ परिवारों की एक महिला को 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी. यह पैसा उन्हें अपना छोटा-मोटा काम शुरू करने के लिए दिया जाएगा और खास बात यह है कि इसे वापस नहीं करना होगा. यह महिलाओं को सशक्त बनाने का एक बड़ा कदम है.

बिजली का बिल होगा कम

बिहार के लगभग 1.67 करोड़ परिवारों को अब 125 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी. यह सीधे-सीधे 90% से ज्यादा घरेलू उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाएगा, खासकर ग्रामीण इलाकों में. जहां बिजली की कमी एक पुरानी समस्या थी, वहां यह योजना नीतीश को ‘विकास पुरुष’ के रूप में फिर से स्थापित कर सकती है.

पेंशन में हुई बंपर बढ़ोतरी

बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1,100 रुपये प्रति माह कर दिया गया है. यह 1.11 करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए बड़ी राहत है और इसका सीधा असर वोट बैंक पर पड़ना तय है.

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क्यों खास है यह दांव?

जानकारों का मानना है कि इन योजनाओं से 6 करोड़ से ज्यादा लोगों को सीधा फायदा मिलेगा, जो बिहार के कुल मतदाताओं का 70% से ज्यादा है. यह एक ऐसी रणनीति है जो जाति-धर्म से ऊपर उठकर हर वर्ग को प्रभावित कर सकती है, खासकर महिला वोटर्स को. 2020 के चुनाव में भी NDA को महिलाओं का अच्छा समर्थन मिला था और इन नई योजनाओं से यह समर्थन और भी मजबूत होने की उम्मीद है.

ताजा सर्वे भी इस ओर इशारा कर रहे हैं. इंडिया टुडे-सीवोटर के अनुसार, NDA का वोट शेयर 50% तक पहुंच सकता है, जबकि विपक्ष का 44% पर ही है.

लेकिन राह आसान नहीं!

हां, यह सब इतना सीधा भी नहीं है. विपक्ष इसे ‘चुनावी जुमला’ बता रहा है, क्योंकि इन योजनाओं का सही तरीके से लागू होना सबसे बड़ी चुनौती है. अगर इन योजनाओं में गड़बड़ी हुई तो नीतीश की छवि को नुकसान पहुंच सकता है. इसके अलावा, नीतीश कुमार की उम्र और बार-बार गठबंधन बदलने की उनकी आदत भी युवाओं में थोड़ी नाराजगी पैदा कर सकती है. लेकिन फिलहाल, नीतीश कुमार ने जो पासा फेंका है, उसने चुनावी लड़ाई को बहुत दिलचस्प बना दिया है. यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष इसका क्या जवाब देता है.

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