राफेल से लेकर अयोध्या विवाद तक… जब कांग्रेस ने Supreme Court को कठघरे में खड़ा किया, आज निशिकांत दुबे को नसीहत दे रही पार्टी

राफेल डील का मुद्दा लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले गरमाया हुआ था. तब कांग्रेस जोर-शोर से इस मुद्दे को उठा रही थी और सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही थी.
Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट

Nishikant Dubey: वक्फ संशोधन कानून (Waqf Amendment Act) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई थी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर भाजपा के सांसद दिनेश शर्मा और निशिकांत दुबे ने तीखी आलोचना की थी. हालांकि, इनकी टिप्पणियों से भाजपा ने किनारा कर लिया था. इसके ठीक पहले, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी न्यायपालिका की शक्तियों और दायित्वों पर तीखा बयान दिया था. इन सबके बाद अब कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल भाजपा पर हमलावर हैं. लेकिन क्या ये पहला मौका है जब किसी पार्टी के सांसद ने सुप्रीम कोर्ट की तीखी आलोचना की है. नहीं, पूर्व में ऐसे कई फैसले रहे हैं जिनको लेकर खुद कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाए हैं. यहां तक कि तत्कालीन सीजेआई को भी कांग्रेस ने नहीं बख्शा है. यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट पर तल्ख टिप्पणी के कारण राहुल गांधी को सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगनी पड़ गई थी.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर अमेरिका तक जाकर सवाल उठाने वाले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कई दफे सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर सवाल उठाए हैं. कई मामलों में सर्वोच्च अदालत की टिप्पणियों और फैसलों पर ऐतराज जताने वाली कांग्रेस आज भाजपा के कुछ सांसदों के बयान को लेकर सरकार पर हमलवार है. भारतीय राजनीति में सियासत का ये रूप कोई नया नहीं है. अपने पक्ष में फैसला न आने पर आए दिन ऐसे बयान और ऐसे स्टैंड देखने को मिलते रहे हैं.

तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा पर उठाए सवाल

2018 में तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा के फैसलों पर कांग्रेस ने खूब हल्ला मचाया था. उनके कार्यकाल में राम मंदिर और अयोध्या विवाद को लेकर होने वाली सुनवाई से लेकर मेडिकल कॉलेज से जुड़े एक मामले तक में सीजेआई की बेंच द्वारा की जाने वाली सुनवाई पर सवाल खड़े किए. कांग्रेस ने प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट से जुड़े एक मामले में भी दावा किया कि इस तरह के मामलों में सीजेआई द्वारा की जाने वाली सुनवाई से कोर्ट की विश्वसनीयता खतरे में पड़ सकती है. आधार मामले को लेकर भी कांग्रेस का यही रुख था और उसने आरोप लगाया कि कोर्ट ने इस मामले में नरमी दिखाई.

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अयोध्या विवाद

अयोध्या विवाद और राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर देश में जमकर सियासत हुई. कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों के कारण तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई पर सवाल उठने लगे थे. कांग्रेस नेताओं ने यह साबित करने में कसर बाकी नहीं रखी कि सरकार के दबाव के कारण सीजेआई ने यह फैसला लिया. वहीं राज्यसभा के लिए उनको नामित किए जाने के बाद भी ऐसी टिप्पणियां की जाती रहीं. इन तमाम बयानों ने कोर्ट की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए थे.

राफेल डील को लेकर राहुल की टिप्पणी

राफेल डील का मुद्दा लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले गरमाया हुआ था. तब कांग्रेस जोर-शोर से इस मुद्दे को उठा रही थी और सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही थी. इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जांच की मांग को खारिज किया था और कहा था कि अदालत को इसमें कोई अनियमितता नहीं नजर आ रही है. हालांकि, तब राहुल गांधी ने कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि यह प्रभाव में लिया गया निर्णय हो सकता है. राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर है’ का नारा भी दोहराया था. इसको लेकर कोर्ट ने अवमानना का नोटिस जारी किया और आखिर में राहुल गांधी को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी पड़ी थी.

इसके अलावा, सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर भी कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठा चुकी है. यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट के अलावा कांग्रेस चुनाव आयोग से लेकर ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों पर भी लगातार सवाल खड़े करती रही है.

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