बिहार में सियासी भूचाल, ‘ASA’ का जनसुराज में विलय, एक साथ आए RCP सिंह और प्रशांत किशोर

2015 में RCP और PK ने मिलकर नीतीश-लालू के महागठबंधन को जिताया था. तब RCP JDU के बड़े नेता थे और PK रणनीति बनाते थे. अब दोनों फिर साथ हैं, लेकिन इस बार नीतीश के खिलाफ.
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आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर

Bihar Politics: बिहार की सियासत में नया मोड़ आ गया है. विधानसभा चुनाव से पहले आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी ‘आप सबकी आवाज’ को प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज में मिला दिया है. रविवार, 18 मई 2025 को पटना में दोनों नेताओं ने साथ आने का ऐलान किया और बिहार में नई राजनीति का वादा किया. ये वही आरसीपी सिंह हैं, जो कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास थे.

क्या बोले RCP सिंह?

पूर्व केंद्रीय मंत्री RCP सिंह ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपनी पार्टी का विलय करूंगा, लेकिन ये सूर्य भगवान का आशीर्वाद है.” आरसीपी सिंह पिछले कई माह से बिहार के गांव-गांव घूम रहे हैं और अब जनसुराज के साथ मिलकर नई लड़ाई के लिए तैयार हैं. उन्होंने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा, “जब मैं JDU में था, तब RCP टैक्स की बात होती थी. अब मैं चला गया, तो कौन टैक्स ले रहा है?”

प्रशांत किशोर ने किया स्वागत

प्रशांत किशोर ने RCP का जोरदार स्वागत किया. उन्होंने कहा, “2015 में महागठबंधन की जीत में RCP और मेरी जोड़ी थी. उनके अनुभव से जनसुराज को नई ताकत मिलेगी.” PK ने JDU पर हमला बोलते हुए कहा, “JDU के कुछ मंत्री वसूली कर रहे हैं और कमजोर नीतीश को गिद्ध की तरह नोच रहे हैं.”

2015 में RCP और PK ने मिलकर नीतीश-लालू के महागठबंधन को जिताया था. तब RCP JDU के बड़े नेता थे और PK रणनीति बनाते थे. अब दोनों फिर साथ हैं, लेकिन इस बार नीतीश के खिलाफ. RCP अब जनसुराज के साथ बिहार में विकास और नई राजनीति की बात कर रहे हैं.

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बिहार में लोग हैं, बस पैसों की कमी- आरसीपी सिंह

RCP ने कहा कि बिहार में लोग हैं, बस पैसों की कमी है. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से केंद्र से मदद मांगने को कहा था, लेकिन बात नहीं बनी. अब जनसुराज के जरिए वो बिहार को नई राह दिखाना चाहते हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या ये जोड़ी बिहार की जनता का दिल जीत पाएगी? बताते चलें कि प्रशांत किशोर पिछले 2 सालों से बिहार के गांव-गांव में संगठन निर्माण कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि इस बार बिहार में जनसुराज की ही सरकार बनेगी. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रशांत किशोर का यह सपना सच होता है या नहीं?

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