कब्जायी केंद्र की जमीन, फिर बना डाली मस्जिद…उत्तर प्रदेश में वक्फ के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा!

इससे पहले निचली अदालत में भी यह मामला पहुंचा था. वहां NHAI की ओर से एक संशोधन याचिका दाखिल की गई थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया. वक्फ की ओर से इसके खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर की गई, लेकिन उसे भी खारिज कर दिया गया. आखिरकार, हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि यह जमीन NHAI की है और वक्फ का दावा पूरी तरह से हवा-हवाई है.
Allahabad High Court

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

UP News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां वक्फ (Waqf ) के नाम पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर मोटा मुनाफा कमाने का खेल चल रहा था. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले पर सख्त रुख अपनाया और फर्जीवाड़े की सारी परतें खोल दीं.

क्या है पूरा मामला?

सहारनपुर में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की जमीन पर कुछ लोगों ने कथित तौर पर मदरसा, मस्जिद और अन्य निर्माण करा दिए. इतना ही नहीं, इस जमीन को वक्फ की संपत्ति बताकर किराए पर देकर मोटी कमाई भी की जा रही थी. जब NHAI ने इस जमीन पर कार्रवाई शुरू की, तो ‘कासिम उल उलूम’ नाम के एक मदरसे ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. इनका दावा था कि यह जमीन वक्फ की है, और इस पर पहले से ही मदरसा, मस्जिद और एक पुलिस चौकी बनी हुई है. याचिका में मांग की गई कि NHAI को इस जमीन पर कोई निर्माण करने या इसे तोड़ने से रोका जाए.

कोर्ट में सामने आई सच्चाई

हाईकोर्ट में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने साफ कहा कि याचिकाकर्ता एक भी ऐसा दस्तावेज नहीं दिखा सके, जिससे यह साबित हो कि यह जमीन वक्फ की है. जांच में पता चला कि यह जमीन NHAI की है और वक्फ बोर्ड में इसका कोई रिकॉर्ड ही नहीं है. कोर्ट ने इसे याचिका को खारिज कर दिया.

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पहले भी हुआ था खेल

इससे पहले निचली अदालत में भी यह मामला पहुंचा था. वहां NHAI की ओर से एक संशोधन याचिका दाखिल की गई थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया. वक्फ की ओर से इसके खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर की गई, लेकिन उसे भी खारिज कर दिया गया. आखिरकार, हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि यह जमीन NHAI की है और वक्फ का दावा पूरी तरह से हवा-हवाई है.

कब हुआ यह फैसला?

हाईकोर्ट ने यह आदेश 12 मई 2025 को सुनाया था, जिसे 30 मई 2025 को सार्वजनिक किया गया. इस फैसले ने वक्फ के नाम पर सरकारी जमीन पर कब्जे और फर्जीवाड़े की कोशिशों को बड़ा झटका दिया है. पिछले कुछ महीनों में कई राज्यों में सरकारी संपत्ति को गलत तरीके से हड़पने की कोशिशें हुई हैं. कोर्ट का यह फैसला न केवल NHAI की जमीन को वापस दिलाने में मदद करेगा, बल्कि भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़ों पर भी नकेल कसेगा.

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