‘बेजुबान जानवरों के साथ नाइंसाफी…’ आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश सुनकर फूट-फूटकर रोने लगीं याचिकाकर्ता
सुप्रीम कोर्ट का आदेश सुनकर रोनी लगीं महिला वकील
SC Hearing On Stray Dogs Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को आवारा पशुओं को लेकर एक आदेश जारी किया है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की वकील और याचिकाकर्ता ननिता शर्मा कैमरे के सामने ही रोने लगीं. उन्होंने कहा कि बेजुबानों के साथ ऐसा अन्याय नहीं होना चाहिए. उनका अच्छी तरह से रखरखाव करना चाहिए. हम इसका सम्मान कर रहे हैं क्योंकि यह आदेश सुप्रीम कोर्ट का है.
याचिकाकर्ता वकील ननिता शर्मा कहती हैं कि आज का आदेश 11 अगस्त के पिछले आदेश जैसा ही है. सरकारी संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों, रेलवे स्टेशनों और बस स्टॉप से कुत्तों को हटाकर उनका पुनर्वास किया जाएगा. इसके लिए एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा जो यह सुनिश्चित करेगा कि वे इन संस्थानों में वापस न आएं.
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बेजुबान जानवरों के साथ अन्याय: याचिकाकर्ता
उन्होंने कहा कि हालांकि हमें अभी भी उम्मीद है और मैं ईश्वरीय न्याय में विश्वास करती हूं. ऐसे बेजुबान जानवरों के साथ ऐसा अन्याय नहीं होना चाहिए. एबीसी (पशु जन्म नियंत्रण) नियमों के तहत पुनर्वास वर्जित है, लेकिन इसे काटने के आधार पर उचित ठहराया गया है. जिसके आधार पर कोर्ट ने आदेश जारी किया है.
डॉग लवर्स के लिए चौंकाने वाला निर्णय बताया
आज की घटना को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि आश्रय गृहों का भी अच्छी तरह से रखरखाव किया जाना चाहिए. डॉग लवर्स के लिए यह फैसला चौंकाने वाला है, ये उन बेजुबानों के प्रति अन्याय है. हम आदेश का सम्मान कर रहे हैं क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट का है. याचिकाकर्ता वकील का यह बयान उनके पशुओं को लेकर लगाव को दर्शाता है.