Cash For Query Case: महुआ मोइत्रा के खिलाफ CBI जांच के आदेश, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का दावा
Cash For Query Case: संसद में सवाल के बदले पैसे के मामले में महुआ मोइत्रा को लेकर भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत को सही मानते हुए लोकपाल ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ CBI को जांच करने का आदेश दिया है. अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने लिखा, “यानी चंद पैसों के लिए तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद ने हीरानंदानी के साथ भ्रष्टाचार व देश की सुरक्षा को गिरवी रखा. पोस्ट की शुरुआत में बीजेपी नेता ने सत्यमेव जयते लिखा.
सत्यमेव जयते
आज मेरे शिकायत को सही मानते हुए लोकपाल ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ CBI को जॉंच करने का आदेश दिया । यानि चंद पैसों के लिए तृणमूल कॉंग्रेस की पूर्व सांसद ने हीरानंदानी के साथ भ्रष्टाचार व देश की सुरक्षा को गिरवी रखा। जय शिव pic.twitter.com/hzxHpqN1Mr— Dr Nishikant Dubey(Modi Ka Parivar) (@nishikant_dubey) March 19, 2024
निशिकांत के खिलाफ अदालत पहुंची थी महुआ
इस महीने की शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी नेता को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. मोइत्रा ने उक्त मामले के संबंध में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय आनंद देहरादाई को उनके खिलाफ बयान देने से रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. 20 दिसंबर 2023 को एचसी ने मोइत्रा, दुबे और देहाद्राई के वकील को सुनने के बाद अंतरिम आवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
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संसद से महुआ को किया गया था निष्कासित
निष्कासित लोकसभा सदस्य ने अक्टूबर 2023 में दायर अपनी याचिका में दुबे, देहाद्राई, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, सर्च इंजन गूगल, यूट्यूब और 15 मीडिया घरानों के खिलाफ अपमानजनक, अपमानजनक सामग्री बनाने और प्रसारित करने पर रोक लगाने की अनुमति मांगी थी. दुबे ने मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था.
हालांकि, मोइत्रा ने यह दावा करते हुए किसी भी गलत काम से इनकार किया था कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. मोइत्रा पर लगे आरोपों के आधार पर लोकसभा की आचार समिति ने सुझाव दिया था कि उन्हें निचले सदन से हटा दिया जाए. मोइत्रा को 8 दिसंबर, 2023 को निष्कासित कर दिया गया था.