क्या PM पर कार्रवाई कर सकती है संसद? जानिए क्या है विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, चन्नी ने ओम बिड़ला से की है शिकायत

यहां समझने वाली बात यह है कि अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला चन्नी का नोटिस स्वीकार कर लेते हैं, तो ऐसे में संसद रूलबुक के नियम 225(1) कहता है कि लोकसभा अध्यक्ष नोटिस में कही गई बातों से सहमत होते हैं तो वो किसी भी वक्त प्रस्ताव लाने की अनुमति दे सकते हैं.
pm modi charanjit singh channi

पीएम मोदी और चरणजीत सिंह चन्नी

Privilege Motion Against PM Modi: क्या अब पीएम मोदी के खिलाफ लोकसभा में कार्रवाई होगी? दरअसल, पंजाब के जालंधर से कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन की शिकायत की है. कांग्रेस सांसद चन्नी का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर के भाषण की कुछ बातें लोकसभा की कार्यवाही से हटा दी गई थी, लेकिन पीएम मोदी ने हटाए गए शब्दों को भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है. ऐसे में अब सवाल उठता है कि आखिर इस मामले में आगे क्या होगा?

पीएम मोदी ने शेयर किया वीडियो

बता दें कि राहुल गांधी के खिलाफ अनुराग ठाकुर की टिप्पणी पर विवाद के बीच पीएम मोदी ने उनके भाषण का एक वीडियो शेयर किया. इस वीडियो के कैप्शन में पीएम मोदी ने लिखा, “मेरे युवा और ऊर्जावान सहयोगी अनुराग ठाकुर का यह भाषण जरूर सुनना चाहिए. तथ्यों और हास्य का एक बेहतरीन मिश्रण, जो इंडी गठबंधन की गंदी राजनीति को उजागर करता है.” वहीं चन्नी की शिकायत के अनुसार, अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में कई आपत्तिजनक टिप्पणियां” कीं, जिन्हें निचले सदन के अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही से हटा दिया.

अनुराग ठाकुर ने ऐसा क्या कहा?

गौरतलब है कि मंगलवार को लोकसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, “जिसकी जाति का पता नहीं है, वह जनगणना की बात कर रहा है.” हालांकि, राहुल गांधी ने हमीरपुर के सांसद के भाषण को बीच में ही रोक दिया और कहा कि विपक्ष संसद में ‘जाति जनगणना बिल’ पारित करवाएगा. राहुल गांधी ने कहा, “आप जितना चाहें मेरा अपमान कर सकते हैं, लेकिन आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि हम संसद में ‘जाति जनगणना बिल’ पारित करवाएंगे.” खैर ये तो आरोप-प्रत्यारोप की बातें हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आगे अब क्या होने वाला है?

नियम क्या कहता है?

यहां समझने वाली बात यह है कि अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला चन्नी का नोटिस स्वीकार कर लेते हैं  तो ऐसे में संसद रूलबुक के नियम 225(1) कहता है कि लोकसभा अध्यक्ष नोटिस में कही गई बातों से सहमत होते हैं तो वो किसी भी वक्त प्रस्ताव लाने की अनुमति दे सकते हैं. नियम 225(2) कहता है कि अगर अनुमति दी जाने पर आपत्ति की जाए तो अध्यक्ष अनुमति दिए जान के पक्ष वाले सदस्यों को अपनी सीट पर खड़े होने को कह सकते हैं. अगर ऐसे सदस्यों की संख्या कम से कम 25 हुई तो अध्यक्ष कहेंगे कि प्रस्ताव लाने की अनुमति है. अगर 25 से कम सदस्य खड़े हुए तो अध्यक्ष सदन को बताएंगे कि प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता. अब नियम 226 कहता है कि अगर प्रस्ताव लाने की अनुमति मिल गई तो लोकसभा में प्रस्ताव पर विचार होगा और तय होगा कि आरोपों की जांच के लिए प्रस्ताव को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जाए.

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पीएम भी हो सकते हैं दंडित

इसके बाद 14 सदस्यीय समिति मामले की जांच करेगी और रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर को सौंपेगी. अब सवाल ये भी उठता है कि क्या पीएम को दंडित किया जा सकता है? जी हां, नियम के मुताबिक ऐसा हो सकता है. दरअसल, पीएम भी संसद के एक सदस्य होते हैं. पीएम मोदी ने वाराणसी से जीत दर्ज की है और वह लोकसभा सदस्य हैं. अगर उक्त मामले में वो दोषी पाए जाते हैं तो असंसदीय आचरण के लिए उन्हें दंडित किया जा सकता है.

खड़गे ने पीएम मोदी पर किया पलटवार

इस बीच, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में अनुराग ठाकुर पर पलटवार किया है. खड़गे ने कहा, “उन्हें खुद को आईने में देखना चाहिए और फिर बोलना चाहिए… वह अपरिपक्व हैं, लेकिन प्रधानमंत्री को ट्वीट करने की क्या जरूरत थी? उनके कई नेता अंतरजातीय या अंतरधार्मिक विवाह कर रहे हैं. क्या वे सभी की जाति पूछेंगे? यह गलत है, मैं इसकी निंदा करता हूं.” उन्होंने कहा, “पीएम मोदी को पता होना चाहिए कि कहां बोलना है और किसका बचाव करना है. इसे छोड़कर, वह भावनाओं को भड़काने की बात कर रहे हैं. संसद में इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, इसे हटा दिया जाना चाहिए.”

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