पहले धमकाया, फिर ऐंठे 50 लाख रुपये…कर्नाटक में साइबर ठगों से परेशान बुजुर्ग दंपती ने दे दी जान…दिल दहला देने वाली कहानी!

तनाव इतना बढ़ गया कि दंपति ने अपनी जान देने की ठानी. डियांगो नजरत ने अपनी जान लेने के लिए गला काट लिया, जबकि उनकी पत्नी प्लैवियाना ने जहर खा लिया. दोनों ने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने इस पूरे मामले के बारे में बताया है.
Cyber Fraud

बुजुर्ग दंपती

Cyber Fraud: कर्नाटक के बेलगावी जिले के नंदगड गांव में एक बुजुर्ग दंपति के साथ साइबर ठगों ने कुछ ऐसा किया, जिसनें सभी झकझोर कर रख दिया है. दरअसल, साइबर ठगों ने एक बुजुर्ग दंपति को ठगी का शिकार बनाया और उनके ऊपर मानसिक दबाव डाला, जिसके कारण उन्होंने अंततः अपनी जान दे दी.

कैसे हुई ठगी?

साइबर अपराधियों ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच के अधिकारी के रूप में पेश किया और बुजुर्ग दंपति को झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी. उन्होंने वीडियो कॉल के माध्यम से इन दंपतियों को यह बताया कि उनकी मोबाइल आईडी और दस्तावेज़ का उपयोग अपराधी गतिविधियों में हुआ है. इस धमकी के बाद, ठगों ने 5 लाख रुपये की मांग की. डर के कारण, दंपति ने यह राशि ठगों को दे दी. इसके बाद ठगों ने लगातार दबाव बनाना जारी रखा और रकम की मांग बढ़ाते गए.

50 लाख रुपये की ठगी

साइबर ठगों ने कई बार विभिन्न बहानों से दंपति से 50 लाख रुपये से अधिक की राशि ठग ली. लगातार धमकियों और पैसे की मांग से दंपति मानसिक रूप से बहुत परेशान हो गए. इस मानसिक दबाव को सहन करते-करते उनका मानसिक स्वास्थ्य बहुत प्रभावित हुआ. इस स्थिति में उन्होंने किसी से अपनी परेशानी साझा नहीं की और धीरे-धीरे तनाव के कारण उनका मानसिक संतुलन बिगड़ने लगा.

यह मानसिक तनाव इतना बढ़ गया कि दंपति ने अपनी जान देने की ठानी. डियांगो नजरत ने अपनी जान लेने के लिए गला काट लिया, जबकि उनकी पत्नी प्लैवियाना ने जहर खा लिया. दोनों ने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने इस पूरे मामले के बारे में बताया है.

जांच में जुटी पुलिस

पुलिस ने शुरुआत में इसे हत्या का मामला समझा. लेकिन जब सुसाइड नोट और दंपति के मोबाइल फोन की जांच की गई, तो साइबर ठगी की सच्चाई सामने आई. पुलिस ने इस मामले में बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है, ताकि यह पता चल सके कि ठगी की कुल राशि कितनी थी.

पुलिस अधिकारियों का बयान

नंदगड पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह एक गंभीर मामला है और मामले की जांच पूरी तरह से की जा रही है. पुलिस ने मृतक दंपति के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और साइबर अपराधियों की पहचान करने के लिए जांच जारी रखी है.

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साइबर ठगी से बचाव के उपाय

यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि साइबर ठगों से बचने के लिए हमें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है. अगर हम किसी संदिग्ध कॉल या मैसेज का सामना करते हैं, तो हमें कभी भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए. यदि आपको लगता है कि आप साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें और अपनी जानकारी साझा करें.

संकट में मदद

अगर आपके या आपके किसी करीबी के मन में आत्महत्या के विचार आ रहे हैं, तो यह एक गंभीर स्थिति है. ऐसे में तत्काल सहायता प्राप्त करना बेहद जरूरी है. भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क किया जा सकता है. इसके अलावा, टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 भी उपलब्ध है. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और आपको मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मदद मिलेगी.

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