“जनता के पैसों से निकाला जा रहा है चुनाव का खर्च”, तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना, JDU ने किया पलटवार

तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार इस कदर फैल चुका है कि हर टेंडर में 30% घूस ली जा रही है. ये पैसा ठेकेदारों से लेकर मंत्रियों तक पहुंचता है. तेजस्वी ने आंकड़े गिनाते हुए बताया कि इस साल 7 कैबिनेट मीटिंग में 76,622 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी गई, ज्यादातर निर्माण कार्यों के लिए.
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तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार

Bihar Politics: बिहार की सियासत में एक बार फिर तूफान मच गया है. विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की सरकार पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया है. तेजस्वी ने दावा किया कि सरकारी योजनाओं के टेंडर में 30% कमीशनखोरी हो रही है, जो ठेकेदारों के जरिए मंत्रियों तक पहुंच रही है. इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव का खर्च इन्हीं टेंडरों से निकाला जा रहा है. लेकिन, जदयू ने भी पलटवार करते हुए तेजस्वी को अपने पुराने आरोपों का जवाब देने की चुनौती दी है.

तेजस्वी यादव ने क्या-क्या कहा?

तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार इस कदर फैल चुका है कि हर टेंडर में 30% घूस ली जा रही है. ये पैसा ठेकेदारों से लेकर मंत्रियों तक पहुंचता है. तेजस्वी ने आंकड़े गिनाते हुए बताया कि इस साल 7 कैबिनेट मीटिंग में 76,622 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी गई, ज्यादातर निर्माण कार्यों के लिए. 2025-26 का बजट 3,17,000 करोड़ रुपये का है, जो पिछले साल से 38,000 करोड़ ज्यादा है.

सरकार हर साल 25,000-30,000 करोड़ रुपये सिर्फ कर्ज का ब्याज चुकाने में खर्च कर रही है, क्योंकि बिहार पर 4,60,000 करोड़ का कर्ज है. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार जनता का पैसा लूट रही है. उन्होंने कहा, “चुनाव का खर्च जनता के पैसों से निकाला जा रहा है. ग्लोबल टेंडर के नाम पर बाहर वालों को फायदा दिया जा रहा है, जबकि बिहार के ठेकेदारों को कुछ नहीं मिलता.”

नीतीश की यात्रा पर भी सवाल

तेजस्वी ने नीतीश कुमार की ‘संवाद यात्रा’ पर भी तंज कसा. उन्होंने दावा किया कि इस यात्रा के लिए 225 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसमें ‘डिजिटल रथ’ और 600 चुनावी रथ शामिल हैं. तेजस्वी ने पूछा, “जनता के पैसे से जदयू का प्रचार क्यों हो रहा है?”

तेजस्वी ने नल-जल योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि बिहार में 5,000 ऐसे पुल बनाए गए, जिनका कोई इस्तेमाल नहीं है. इन पुलों के लिए ‘एप्रोच रोड’ तक नहीं बनाए गए. उन्होंने सवाल उठाया, “ऐसे बेकार पुल बनाने का फैसला किसने लिया? 225 करोड़ रुपये जनता के पैसे से सरकारी प्रचार पर क्यों खर्च हो रहे हैं?”

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तेजस्वी पहले अपने गिरेबान में झांकें-जदयू

तेजस्वी के आरोपों का जवाब देने के लिए जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद संजय झा मैदान में उतरे. उन्होंने कहा, “तेजस्वी पहले अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब दें. कोर्ट बार-बार उन्हें पूछताछ के लिए बुलाता है, उसका हिसाब दें.” संजय झा ने नीतीश सरकार के काम गिनाए और कहा कि बिहार में हर घर तक नल का पानी पहुंचाया गया है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “तेजस्वी बताएं कि बिना कुछ काम किए वे करोड़पति कैसे बन गए?”

सियासी जंग का असली मकसद?

ये सियासी बयानबाजी बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है. तेजस्वी यादव अपनी पार्टी RJD को मजबूत करने और नीतीश सरकार की खामियां उजागर करने की कोशिश में हैं. वहीं, जदयू नीतीश के कामकाज का हवाला देकर तेजस्वी के आरोपों को बेबुनियाद बता रही है.

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