Electoral Bond पर JDU का अजीबोगरीब दावा, कहा- ‘दफ्तर में कोई सील बंद लिफाफा दे गया, खोला तो 10 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड निकले’
Electoral Bond: भारत निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से इलेक्टोरल ब्रॉड पर मिली जानकारी रविवार को साझा की है. आयोग द्वारा यह जानकारी अपने अधिकारिक वेबसाइट पर साझा की गई है. इसमें हर पार्टी को किस माध्यम से कितना चंदा मिला है, इसकी जानकारी दी गई है. लेकिन यह जानकारी सामने आने के बाद सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू सवालों के घेरे में आ गई है.
जेडीयू ने आयोग को जानकारी देते हुए बताया, ‘3 अप्रैल 2019 को उनके पार्टी दफ्तर में कोई आया और एक सील बंद लिफाफा दे गया.जब लिफाफा खोला गया तो उसमें एक-एक करोड़ के 10 इलेक्टोरल बॉन्ड निकले.’ जानकारी देते हुए पार्टी के ओर से स्पष्ट कहा गया है कि हम डोनर के बारे में अवगत नहीं हैं, न ही में कोई जानकारी है और न ही हमने जानने के कोई कोशिश की.
पार्टी के ओर से इलेक्टोरल ब्रॉड की डिटेल साझा करते हुए कहा गया है, ‘हमने डोनर के बारे में पता करने की कोई कोशिश नहीं कि है क्योंकि जब हमें बांड प्राप्त हुए तो सर्वोच्च न्यायालय का आदेश अस्तित्व में नहीं था.’ आयोग को जेडीयू द्वारा दी गई जानकारी में पता चला है कि पार्टी को कुल 24 करोड़ रुपए से अधिक चुनावी बांड योजना से मिले हैं.
24.4 करोड़ रुपए का चंदा मिला
नीतीश कुमार की पार्टी द्वारा आयोग को दी गई जानकारी में कहा गया है, ‘उसे भारती एयरटेल और श्री सीमेंट द्वारा क्रमश: एक करोड़ और दो करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बांड प्राप्त हुए हैं.’ एक अन्य फाइलिंग के अनुसार पार्टी को चुनावी बॉड योजना के जरिए कुल 24.4 करोड़ रुपए चंदे को तौर पर मिले हैं.
ये भी पढ़ें: चीन ने फिर अलापा पुराना राग, अरुणाचल पर ठोका दावा, भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब
जानकारी में बताया गया है कि दफ्तर में अनजान शख्स द्वारा मिले बॉड को उन्होंने पटना की स्टेट बैंक शाखा में जमा किया गया है. जबकि कई बॉड हैदराबाद और कोलकाता में स्थित SBI की शाखाओं से जारी किए गए थे.