Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस में मुस्लिम पक्ष को झटका, ‘व्यासजी के तहखाने’ में जारी रहेगी पूजा, HC का फैसला
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद केस में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को ‘व्यासजी के तहखाने’ में पूजा करने रखने के आदेश दिए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज कर दी है. मस्जिद की इंतजामियां कमेटी की अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने वाराणसी जिला जज के 31 जनवरी के पूजा शुरू कराए जाने के आदेश को सही करार दिया है.
इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “आज इलाहबाद हाई कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया की दोनों याचिकाओं को खारिज कर दी है, इसका मतलब है कि जो पूजा चल रही थी वह वैसे ही चलती रहेगी. अगर वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो हम भी सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखेंगे.”
“आज इलाहबाद हाई कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया की दोनों याचिकाओं को खारिज कर दी है, इसका मतलब है कि जो पूजा चल रही थी वह वैसे ही चलती रहेगी… अगर वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो हम भी सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखेंगे।”, ज्ञानवापी मामले पर बोले- हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन… pic.twitter.com/FLNfOjjPkb
— Vistaar News (@VistaarNews) February 26, 2024
वहीं अधिवक्ता प्रभाष पांडे ने कहा, “आज अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है. पूजा जारी रहेगी. सनातन धर्म के लिए यह बड़ी जीत है. मुस्लिम पक्ष इसमें रिव्यू कर सकते हैं या सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं.”
मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की प्रतिक्रिया
जबकि राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, “सर्वेक्षण के बाद कोर्ट ने आदेश दिया था कि पूजा होनी चाहिए. हाईकोर्ट इसे नहीं रोक सकता क्योंकि रोकने का कोई आधार नहीं है. यह मंदिर था और वहां पूजा होती थी. मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा सकता है. जिस तरह राम जन्मभूमि का फैसला आया था, उसी तरह ज्ञानवापी का फैसला भी आएगा क्योंकि हिंदू पक्ष के पास उचित सबूत हैं.”
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गौतरलब है कि इससे पहले वाराणसी की जिला अदालत ने ‘व्यास जी के तहखाने’ में पूजा की अनुमति का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 33 साल बाद इस तहखाने में पूजा कराई थी. उसके बाद से ही ‘व्यास जी के तहखाने’ में जारी है.