Pune Hit And Run Case: डॉक्टरों ने डस्टबिन में फेंका रईसजादे का ब्लड सैंपल, 3 लाख में हुई डील, पुलिस ने किए कई खुलासे

Pune Hit And Run Case: सोमवार को ससून जनरल अस्पताल के एक डॉक्टर और फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख को गिरफ्तार कर लिया. दोनों पर आरोप है कि डॉक्टरों ने आरोपी नाबालिग के ब्लड सैंपल बदल दिए थे.
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डॉक्टरों ने डस्टबिन में फेंका रईसजादे का ब्लड सैंपल

Pune Hit And Run Case: 19 मई को पुणे के कल्याणीनगर में एक युवक और युवती की सड़क हादसे में मौत हो गई. हादसे की वजह थी पोर्शे की तेज रफ्तार स्पोर्ट्स कार. यह मामला तब बड़ा बन, जब खुलासा हुआ कि यह कार एक नाबालिग चला रहा था और वह शायद नशे में भी था. इतनी ही नहीं, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से उसे जमानत भी मिल गई. और जमानत की शर्ते थी, हादसे पर निबंध लिखना और शराब छोड़ने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना. इस हादसे में अब कई और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं.

जालसाजी और सबूत नष्ट करने की धाराएं पुलिस ने जोड़ी

अब सोमवार को ससून जनरल अस्पताल के एक डॉक्टर और फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख को गिरफ्तार कर लिया. दोनों पर आरोप है कि डॉक्टरों ने आरोपी नाबालिग के ब्लड सैंपल बदल दिए थे और आरोपी के ब्लड के सैंपल कचरे में फेंक दिए. पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, ‘इस मामले में धारा 120 (बी), 467 जालसाजी और 201, 213, 214 सबूत नष्ट करने की धाराएं जोड़ी गई हैं. अमितेश कुमार ने आगे कहा कि हमें कल फोरेंसिक रिपोर्ट मिली और यह पता चला है कि ससून अस्पताल में कलेक्ट किए गए नमूने, किशोर आरोपी के नहीं थे.

HOD अजय तवारे के कहने पर ब्लड सैंपल में की हेरफेर

अमितेश कुमार ने बताया कि इसके बाद हमने उन डॉक्टरों को हिरासत में लिया. ससून अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन के एचओडी को अदालत में पेश करेंगे और पुलिस हिरासत रिमांड के लिए अनुरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि ससुन अस्पताल में सैंपल लेने वाले डॉ. हैलनोर ने आरोपी के ब्लड सैंपल में हेरफेर की थी, जिसे कल रात गिरफ्तार कर लिया गया. उसने पूछताछ के दौरान बताया कि ऐसा HOD अजय तवारे के कहने पर किया गया और इसके लिए 3 लाख रुपए भी दिए गए थे.

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अनीस अवधिया और अश्विनी कोष्टा की हुई थी मौत

इस हादसे में मध्य प्रदेश निवासी अनीस अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी. दोनों की उम्र करीब 24 साल के आसपास थी. हादसे के समय दोनों एक बाइक पर सवार थे. पीड़ित परिवार ने इसे हादसा नहीं हत्या बताया था. इस हादसे के बाद ही जब नाबालिग को जमानत मिल गई थी. दावा किया गया कि टना के समय का नाबालिग के घर का ड्राइवर चला रहा था . दूसरी ओर, इस दावे से पुलिस ने इनकार किया. इस बीच एक ओर खबर आई कि नाबालिग के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

ड्राइवर पर आरोपी के दादा, पिता और मां ने बनाया दबाव

दरअसल, हादसे कि जिम्मेदारी लेने के लिए आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल, पिता विशाल और मां की ओर से ड्राइवर गंगाराम पर दबाव बनाया था. नाबालिग के पिता और दादा की ओर से ड्राइवर को कैश और गिफ्ट देने का लालच भी दिया गया. लेकिन जब उसने इस हादसे की जिम्मेदारी कोर्ट में ले ली तो, उन लोगों ने उसका अपहरण करके उसे अपने बंगले में कैद कर दिया. ड्राइवर की पत्नी की शिकायत पुलिस ने बंगले पर छापा मारकर उसे बचा लिया. ड्राइवर और उसके परिवार को पुलिस की ओर से सुरक्षा दी गई है.

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मामले में दो पुलिस अफसरों को पुलिस ने किया निलंबित

अब इस मामले में पुणे आयुक्त ने येरवडा पुलिस स्टेशन के इन दो पुलिस अफसरों को निलंबित कर दिया है. 19 मई को हुई दुर्घटना के बारे में सीनियर्स और कंट्रोल रूम को समय से जानकारी देने के लिए पुलिस निरीक्षक राहुल जगदाले और एपीआई विश्वनाथ टोडकरी को ड्यूटी से निलंबित कर दिया गया है. दो लोगों को कुचलने की घटना के बाद यही दोनों सबसे पहले पहुंचे थे. जानकारी के मुताबिक, इस दौरान जोन-1 के डीसीपी गिल भी नाइट गश्ती कर रहे थे. लेकिन उन्हें भी इस हादसे की कोई जानकारी नहीं मिली.

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