“कांग्रेस देखे अपनी हालत, मैं INDIA ब्लॉक की कमान संभालने को तैयार हूं…”, ममता बनर्जी ने ऐसा क्यों कहा?

टीएमसी ने जहां अपने उपचुनावों में शानदार जीत हासिल की है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को एक-एक कर मुंह की खानी पड़ी. जब कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपनी जमानत तक खो दी, तो ममता ने यह साफ कर दिया कि उन्हें अपनी पार्टी की बढ़ती ताकत और BJP के खिलाफ एक सशक्त विपक्ष की जरूरत है.
mamata banerjee rahul gandhi

ममता बनर्जी और राहुल गांधी

INDIA Alliance: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में अपनी बयानबाजी से राजनीतिक हलचल मचा दी है. उन्होंने साफ कहा, “अगर मौका मिला, तो मैं इंडिया ब्लॉक की कमान संभालने के लिए तैयार हूं.” अब, यह कोई साधारण बयान नहीं है, क्योंकि ममता का नाम हमेशा से भाजपा के खिलाफ विपक्षी मोर्चे में एक मजबूत और आक्रामक नेता के रूप में लिया जाता है.

‘दीदी’ की बात

बात करें पिछले चुनावों की, तो ममता की पार्टी टीएमसी ने हाल ही में उपचुनावों में बीजेपी को धूल चटाई, जबकि कांग्रेस ने महाराष्ट्र और हरियाणा में तो जैसे अपना खाता भी ठीक से नहीं खोला. वहीं बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया, सीटों की झड़ी लगाई और कांग्रेस को अपनी असफलता का पूरा एहसास कराया. ममता का यह बयान कांग्रेस की हार के बाद एक तरह से उनकी चुटकी लेना था. ममता ने कह दिया कि अगर इंडिया ब्लॉक को सही दिशा में चलाना है, तो इस बार कुछ नया करना होगा. और इसका मतलब क्या था? यह साफ था— अगर आप नहीं चला सकते, तो ममता को ही मौका दो!

“बंगाल से बाहर नहीं जाऊंगी, लेकिन…”

जब ममता से पूछा गया कि एक राष्ट्रीय विपक्षी मोर्चे की कमान क्यों नहीं संभाल रही हैं, जबकि वह एक मजबूत नेता हैं, तो ममता ने जवाब दिया, “मुझे बंगाल से बाहर जाने की कोई इच्छा नहीं है, लेकिन अगर भारत में विपक्षी मोर्चे को एकजुट करना है, तो मैं यहीं से उसे संभाल सकती हूं.” अब यह बयान उनकी राजनीति का असली रंग दिखाता है. ममता ने यह बता दिया कि वह सिर्फ बंगाल में नहीं, बल्कि पूरे देश में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के मुकाबले एक बेहतरीन नेतृत्व देने को तैयार हैं.

कांग्रेस को ममता की सलाह

इसके बाद ममता का यह बयान और भी दिलचस्प हो जाता है, जब उनके सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा था कि कांग्रेस को अपने अहंकार को अलग रखना चाहिए और ममता को विपक्ष का नेता मान्यता देनी चाहिए. कांग्रेस की स्थिति अब ऐसी हो गई है कि पार्टी के बड़े नेता भी ममता को उनके नेतृत्व में लाने का पक्ष ले रहे हैं. अब सवाल ये है कि क्या कांग्रेस अपनी ‘नेतृत्व वाली’ मानसिकता छोड़कर ममता को मौका देगी?

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टीएमसी का बेहतरीन प्रदर्शन

टीएमसी ने जहां अपने उपचुनावों में शानदार जीत हासिल की है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को एक-एक कर मुंह की खानी पड़ी. जब कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपनी जमानत तक खो दी, तो ममता ने यह साफ कर दिया कि उन्हें अपनी पार्टी की बढ़ती ताकत और BJP के खिलाफ एक सशक्त विपक्ष की जरूरत है. यही वजह है कि टीएमसी ने हमेशा ममता को इंडिया ब्लॉक की कमान सौंपने की वकालत की है.

क्या होगा अब?

अब बात ये है कि ममता का बयान सिर्फ एक व्यक्तिगत अपील नहीं, बल्कि पूरी तरह से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के लिए एक सीधी चुनौती है. सवाल यह है कि क्या कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के अन्य सहयोगी दल ममता की बात को गंभीरता से लेंगे? क्या वे ममता को इंडिया ब्लॉक का नेता स्वीकार करेंगे, या फिर अपना अहंकार छोड़ेंगे और एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ ताल ठोकेंगे?

यह समय बतायेगा, लेकिन ममता ने अपनी चाल चल दी है. अब बाकी नेता यह तय करेंगे कि उनका अगला कदम क्या होगा— कांग्रेस के अहंकार से मुक्त होकर ममता के साथ हाथ मिलाना या फिर अपने पुराने रास्ते पर चलकर अपने फैसलों से ही मुंह चिढ़ाना.

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