नाराजगी के पीछे आंकड़े का खेल, यूं ही नहीं कांग्रेस को किनारे लगा रही ममता!
INDIA Alliance: इंडिया अलायंस की कलह खुलकर सामने आ गई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन से इनकार कर दिया है. TMC सुप्रीमो की घोषणा के कुछ घंटों बाद, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी कहा कि आम आदमी पार्टी पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हम कांग्रेस के साथ नहीं जा रहे हैं.
ममता बनर्जी और मान की ये घोषणा इंडिया ब्लॉक के लिए किसी ‘मिसाइल हमले’ से कम नहीं है. केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने की योजना पर काम कर रहे विपक्षी गठबंधन की गांठ बिल्कुल ही ढीली होती दिख रही हैं. एक-एक कर बड़े नेता इंडिया अलायंस से कन्नी काट रहे हैं. ममता बनर्जी यूं ही नहीं कांग्रेस से नाराज हैं. इसके पीछे आंकड़े का बड़ा खेल है.
बता दें कि यह कोई अचानक उठाया गया कदम नहीं है. पिछले दो महीनों से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी. सीट बंटवारे को लेकर कलह समय-समय पर खुलकर सामने आती रही. राज्य कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने इसे और बढ़ा दिया. उन्होंने ममता बनर्जी पर हमला करते हुए उन्हें ‘अवसरवादी’ और ‘दलाल’ तक बता दिया था. इसके बाद जो होना था वही हुआ. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने से ठीक एक दिन पहले बुधवार को आखिरकार बम फट गया.
इंडिया ब्लॉक में हो क्या रहा है?
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस के साथ कोई बातचीत नहीं चल रही है और उनकी पार्टी अपने दम पर आम चुनाव लड़ेगी. “अमर कोनो कोठा होयनी, अमर करोरो गाने कोथा होयनी. कोनो चर्चा नी.” (मेरी कोई बातचीत नहीं हुई है, किसी से कोई बातचीत नहीं… बिल्कुल भी बातचीत नहीं. यह सब झूठ है. )
ममता ने कहा कि हमने कांग्रेस को बंगाल में 2 सीट देने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया. बनर्जी ने गुरुवार को बंगाल में प्रवेश करने वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बारे में उन्हें सूचित नहीं करने के लिए कांग्रेस पर भी निशाना साधा. ममता ने कहा, “वे मेरे राज्य में आ रहे हैं… लेकिन उन्होंने मुझे सूचित करने का शिष्टाचार नहीं दिखाया, भले ही मैं इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हूं. इसलिए, जहां तक बंगाल का सवाल है, मेरे साथ कोई संबंध नहीं है.”
आंकड़े का खेल!
TMC का कहना है कि बंगाल में कांग्रेस के प्रदर्शन को देखकर ही वो सीट शेयरिंग की बात कर रही है. वहीं राजनीति के जानकारों का कहना है कि मालदा और मुर्शिदाबाद समेत प्रदेश में पांच ऐसी लोकसभा सीटें हैं, जहां कांग्रेस को मजबूत स्थिति में माना जाता है. 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी ने इनमें से दो सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं 2021 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पूरे राज्य में एक भी सीट नहीं जीत सकी. हैरत की बात ये रही कि कांग्रेस उन इलाकों में भी नहीं जीत पाई जहां पार्टी मजबूत स्थिति में है. टीएमसी ने मालदा की 12 में से 8 और मुर्शिदाबाद की 22 में से 21 सीटें जीत लीं.
दूसरी ओर बंगाल में धीरे-धीरे बीजेपी ने अपना पैर जमाना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं टीएमसी के कई नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं. ऐसे में टीएमसी कांग्रेस को ज्यादा सीटें ऑफर करके अपना प्रभुत्व कम नहीं करना चाहती हैं. बता दें कि बंगाल में लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं. टीएमसी के 23 सांसद और बीजेपी के 17 सांसद हैं. ऐसे में कांग्रेस को देने के लिए ममता के पास महज 2 सीटें ही रह बची. कांग्रेस ममता के इस ऑफर को पहले ही खारिज कर चुकी है.
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क्या कह रही हैं ममता?
ममता बनर्जी ने साफ-साफ कहा है, ”राष्ट्रीय स्तर पर हम क्या करेंगे, क्या नहीं करेंगे, हम चुनाव के बाद सोचेंगे. हम एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं, भाजपा को विफल करने के लिए जो भी जरूरी होगा हम करेंगे. लेकिन अभी सीट-बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं है.” ममता ने आगे कहा, “इंडिया गठबंधन में सिर्फ एक पार्टी शामिल नहीं है, क्षेत्रीय दल एकजुट रहेंगे. उन्होंने कहा, “हमने कहा है कि कांग्रेस 300 सीटों पर लड़ सकती है और क्षेत्रीय दल 72 सीटों पर लड़ेंगे. कांग्रेस को वहां हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. लेकिन अगर ऐसा होता है, तो हम देखेंगे कि क्या किया जाना है. ” हालांकि, कांग्रेस ने कहा है कि कभी-कभी रास्ते में स्पीड ब्रेक लग जाती है. ममता बनर्जी गठबंधन का हिस्सा हैं.