चीन ने फिर अलापा पुराना राग, अरुणाचल पर ठोका दावा, भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब

यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर दावा ठोका हो. इससे पहले भी कई बार ड्रैगन ने चाल चली है. लेकिन भारत के सामने उसकी एक न चली.
पीएम मोदी, जिनपिंग

पीएम मोदी, जिनपिंग

India China Dispute: पीएम मोदी के अरुणाचल प्रदेश के दौरे के कुछ दिनों बाद चीन ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर पुराना राग अलापा है. दरअसल, चीन की सेना ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा ठोका है. चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है. यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर दावा ठोका हो. इससे पहले भी कई बार ड्रैगन ने चाल चली है. लेकिन भारत के सामने उसकी एक न चली. हाल के सालों में जब-जब देश के नेता अरुणाचल का दौरा करते हैं तो चीन इसी तरह की बयानबाजी करता रहा है.

अरुणाचल क्षेत्र का नाम चीन ने ‘जांगनान’ रखा

हैरत की बात ये कि चीन ने अरुणाचल क्षेत्र का नाम जांगनान रखा है. भारत ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के क्षेत्रीय दावों को बार-बार खारिज किया है और कहा है कि राज्य देश का अभिन्न अंग है. भारत ने क्षेत्र को ‘मनगढ़ंत’ नाम देने के चीन के कदम को भी खारिज कर दिया है और कहा है कि इससे वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आया है.

9 मार्च को पीएम मोदी ने अरुणाचल प्रदेश में 13,000 फीट की ऊंचाई पर बनी सेला सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया. यह सुरंग रणनीतिक रूप से तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और सीमांत क्षेत्र में सैनिकों की बेहतर आवाजाही सुनिश्चित करने की उम्मीद है. असम के तेजपुर को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले से जोड़ने वाली सड़क पर बनी 825 करोड़ रुपये की सुरंग को इतनी ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी टू वे सड़क सुरंग माना जा रहा है.

भारतीय सैन्य अधिकारियों के अनुसार, सेला सुरंग से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) तक सैनिकों और हथियारों की बेहतर आवाजाही हो पाएगी. चीन ने कहा, “भारतीय पक्ष की कार्रवाई सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए अनुकूल नहीं है.” आगे कहा कि सीमा मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच प्रभावी राजनयिक और सैन्य संचार के साथ, वर्तमान सीमा स्थिति आम तौर पर स्थिर है.

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चीन के कहने से वास्तविकता नहीं बदलेगी: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता

इस बीच भारत ने चीन के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा कि यह भारत का राज्य था है और रहेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने नई दिल्ली में कहा कि चीनी पक्ष को कई मौकों पर इस सुसंगत स्थिति से अवगत कराया गया है. जयसवाल ने कहा कि ऐसी यात्राओं पर चीन की आपत्ति इस वास्तविकता को नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश “भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.” उन्होंने कहा, “भारतीय नेता समय-समय पर अरुणाचल प्रदेश का दौरा करते हैं, जैसे वे भारत के अन्य राज्यों का दौरा करते हैं. ऐसे दौरों या भारत की विकासात्मक परियोजनाओं पर आपत्ति करना उचित नहीं है.”

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