“आस्था से बड़ा कुछ नहीं…”, महाकुंभ को लेकर ये क्या कह गए डीके शिवकुमार? कांग्रेस को हो सकती है परेशानी!

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने महाकुंभ मेले पर अपने बयान से न केवल पार्टी के भीतर एक नई चर्चा को जन्म दिया, बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी एक तरह से जवाब दे दिया है.
DK Shivakumar On Maha Kumbh

डीके शिवकुमार

DK Shivakumar On Maha Kumbh: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार ने बुधवार को कई अहम बयान दिए. उन्होंने न केवल अपनी धार्मिक आस्थाओं को लेकर उठ रही अफवाहों पर सफाई दी, बल्कि राज्य की राजनीति और पार्टी नेतृत्व को लेकर भी अपनी स्थिति स्पष्ट की.

डीके शिवकुमार ने कहा, “मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं और मेरी व्यक्तिगत मान्यताएं नहीं बदली हैं. कांग्रेस का दफ्तर ही मेरा मंदिर है. यह जो भी अफवाहें फैलाई जा रही हैं, वो पूरी तरह से बकवास हैं.” दरअसल, पिछले कुछ दिनों से कहा जा रहा था कि वह कर्नाटका के मुख्यमंत्री बनने के लिए आलाकमान पर दबाव बना रहे हैं और बीजेपी में शामिल होने की सोच रहे हैं. अब उन्होंने इन सारी अटकलों पर विराम लगा दिया है.

डीके ने और क्या-क्या कहा?

धार्मिक कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, “सद्गुरु जग्गी वासुदेव के कार्यक्रम में मेरी भागीदारी को लेकर झूठे दावे किए जा रहे हैं. मैं हिंदू हूं और हिंदू ही मरूंगा. सभी धर्मों का मैं सम्मान करता हूं. जेल में रहते हुए मैंने सिख धर्म का अध्ययन किया और जैन मठों का भी दौरा किया है.”

डीके शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक की राजनीति में अगले चुनाव के लिए नेतृत्व को लेकर कोई गुटबाजी नहीं है. उन्होंने कहा, “हम सामूहिक नेतृत्व के साथ आगे बढ़ेंगे. पार्टी ने मुझे कई जिम्मेदारियां दी हैं, और मैं उनका पूरा सम्मान करता हूं. सिद्धारमैया ने पार्टी नेतृत्व किया है और मुझे इसका पूरा सम्मान है.”

महाकुंभ मेले पर क्या बोले डीके शिवकुमार?

महाकुंभ मेले में अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “यह आयोजन अभूतपूर्व था. इतनी बड़ी भीड़ को संभालना आसान नहीं था, लेकिन मैं खामियां निकालने नहीं गया. आस्था के मामले में यह भगवान और भक्त का व्यक्तिगत संबंध है.” डीके शिवकुमार ने आगे कहा, “कांग्रेस एक महान पार्टी है, इसके नेताओं का आना-जाना होता है, लेकिन पार्टी हमेशा बनी रहती है.”

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क्या खड़गे से सहमत नहीं है डीके?

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने महाकुंभ मेले पर अपने बयान से न केवल पार्टी के भीतर एक नई चर्चा को जन्म दिया, बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी एक तरह से जवाब दे दिया है. दरअसल, देश के गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ प्रयागराज महाकुंभ में संगम में डुबकी लगा रहे थे. बात 27 जनवरी की थी.

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मध्य प्रदेश के महू में इन पर तंज कस रहे थे. खड़गे तब बोल गए कि ‘गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी खत्म नहीं होगी’. वह एक तीर से दो निशाना साधना चाह रहे थे लेकिन, कीमत थी सनातन आस्था पर प्रहार करके. तब तक इंडिया गुट के ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी संगम में डुबकी लगा ली थी. टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन भी संगम में अमृत स्नान कर चुके थे. खड़गे ने तब कहा था कि गंगा में डुबकी लगाने के लिए बीजेपी नेताओं में होड़ मची है. गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर नहीं होगी.

महाकुंभ का आयोजन अभूतपूर्व था- डीके शिवकुमार

अब उनकी पार्टी के ही वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार ने कहा, “यह आयोजन अभूतपूर्व था और इतनी बड़ी भीड़ को संभालना कोई साधारण काम नहीं था. मैं खामियां निकालने नहीं आया, क्योंकि आस्था का मामला व्यक्तिगत है. भगवान और भक्त का यह संबंध केवल उनके बीच होता है.” डीके शिवकुमार ने कहा, “आस्था के मामलों में व्यक्तिगत विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए और इसे राजनीतिक रंग देना गलत होगा. साथ ही, उन्होंने महाकुंभ मेले में अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि आस्था और विश्वास का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं होता, यह एक व्यक्तिगत अनुभव है.”

बहरहाल, इस बयान से कांग्रेस के भीतर मल्लिकार्जुन खड़गे और डीके शिवकुमार के बीच रणनीतिक दूरी और विचारों की भिन्नता अब साफ नजर आने लगी है. पार्टी की आगामी दिशा और अंदरूनी राजनीति को लेकर आगामी दिनों में और भी कई चर्चाएं उभर सकती हैं.

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