विधानसभा चुनाव के लिए माहौल कितना अनुकूल? अब महाराष्ट्र पर चुनाव आयोग की नज़र
Maharashtra Election: महाराष्ट्र की राजनीतिक धरती पर हलचल तेज हो गई है, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद अब सभी की निगाहें विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं. राज्य में राजनीतिक गतिविधियां अपने चरम पर हैं, जहां सीटों के बंटवारे और मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. इस माहौल में लोग चुपचाप यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर कब होगी चुनाव की आधिकारिक घोषणा.
महाराष्ट्र का दौरा करेगी चुनाव आयोग की टीम
राजनीतिक हलचलों के बीच, चुनाव आयोग की एक टीम 26 से 28 सितंबर तक महाराष्ट्र का दौरा करेगी. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में यह टीम विधानसभा चुनाव की तैयारियों की गहन समीक्षा करेगी. दौरे के दौरान राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत के साथ-साथ सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी मुलाकातें निर्धारित हैं.
26 सितंबर को टीम दिल्ली से मुंबई पहुंचेगी और अगले दिन सुबह 10 बजे सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक करेगी. इसके बाद दोपहर में नोडल अधिकारियों और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ महत्वपूर्ण चर्चाएं होंगी. इस दौरान, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भी बातचीत होगी, जिसमें चुनाव के संदर्भ में राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की जाएगी.
इस दौरे का उद्देश्य यह जानना है कि महाराष्ट्र में चुनाव का माहौल कितना अनुकूल है. 28 सितंबर को प्रदेश के सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक करने के बाद चुनाव आयोग की टीम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महाराष्ट्र की चुनावी स्थिति पर जानकारी देगी.
यह भी पढ़ें: ‘जब देश में संकट आता है तो, इन्हें नानी याद आती है’, राहुल गांधी पर बरसे CM योगी, AAP को लेकर कही ये बात
सीटों के बंटवारे पर सभी दलों में बातचीत जारी
हालांकि, विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले, सीटों के बंटवारे को लेकर महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच बातचीत जारी है. भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच गठबंधन में सीटों का बंटवारा तय होना बाकी है, जबकि कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना भी अपने हिस्से के लिए वार्ता कर रही हैं.
इस सबके बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनावी आचार संहिता कब लागू होती है और राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में कैसे आगे बढ़ते हैं. राज्य की राजनीति में इन सब घटनाक्रमों के चलते, चुनाव की घड़ी करीब आ रही है, और सभी की नजरें चुनाव आयोग की आगामी घोषणाओं पर लगी हुई हैं.