अचानक गंजे हो रहे हैं लोग, एक हफ्ते में ही उड़ गए सिर के सारे बाल, महाराष्ट्र के इन तीन गांवों में पसरा सन्नाटा

गांव के अधिकांश निवासी मजदूर वर्ग से हैं, जो अक्सर व्यस्तता के कारण स्वच्छता का ध्यान नहीं रख पाते. स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह की समस्याएं आमतौर पर साल में कुछ ही मामलों में देखी जाती हैं, लेकिन इस बार यह समस्या बहुत बड़ी संख्या में फैल गई है.
Hair Fall

महाराष्ट्र के गांव में गंजे हुए लोग

Hair Fall: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ स्थानीय लोगों को बल्कि स्वास्थ्य अधिकारियों को भी चिंता में डाल दिया है. शेगांव तहसील के बोंडगांव, कालवाड़ और हिंगना गांव में पिछले एक सप्ताह में अचानक बालों का झड़ना एक गंभीर समस्या बन गया है. इन गांवों में 55 से अधिक लोग इस समस्या से ग्रस्त हो चुके हैं, और उनमें से कई लोग कुछ ही दिनों में पूरी तरह से गंजे हो गए हैं.

अचानक बाल झड़ने से परेशान हैं लोग

यह मामला 2 जनवरी 2025 को सामने आया, जब बोंडगांव के एक ही परिवार की तीन महिलाओं के बाल अचानक झड़ने लगे. पहले तो इसे किसी हेयर वॉश प्रोडक्ट के कारण होने वाली समस्या माना गया, और प्रभावित महिलाओं को पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा गया. लेकिन जब अन्य घरों में भी ऐसा ही मामला सामने आया, तो यह चिंता का कारण बन गया. कुछ ही दिनों में पूरे गांव में यह रहस्यमयी बीमारी फैल गई है.

ग्रामीणों के अनुसार, यह समस्या इतनी गंभीर है कि बालों को हल्के से छूने या खींचने पर वे गिरने लगते हैं. बहुत जल्दी, कई लोग पूरी तरह से गंजे हो गए हैं. बोंडगांव के एक निवासी, दिगंबर इमाले ने कहा, “यह स्थिति इतनी गंभीर है कि बाल थोड़े से भी छूने या खींचने पर झड़ जाते हैं, और कुछ ही दिनों में लोग गंजे हो गए हैं.”

स्थानीय डॉक्टर भी इस रहस्यमयी समस्या से हैरान हैं. वे इलाज के लिए लोगों को सरकारी अस्पताल जाने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन वहां भी डॉक्टरों ने ऐसी समस्या पहले कभी नहीं देखी. हालांकि, सरकार ने स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम प्रभावित गांवों में भेजी है.

पानी की गुणवत्ता पर शक

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने समस्या की गंभीरता को देखते हुए पानी, बाल और त्वचा के नमूने परीक्षण के लिए पुणे लैब में भेजे हैं. तहसील की मेडिकल अधिकारी डॉ. दीपाली भायकर ने बताया कि प्राथमिक जांच में पानी की गुणवत्ता पर शक जताया गया है. परीक्षण के परिणामों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

जिला मेडिकल अधिकारी डॉ. अमोल गीते ने कहा कि यह संभवतः एक फंगल संक्रमण हो सकता है, जो बालों की जड़ों में नमी के कारण फैल सकता है. उन्होंने कहा, “हम एहतियात बरतते हुए प्रभावित लोगों को प्राथमिक उपचार दे रहे हैं. नमूनों के नतीजों के बाद इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.”

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गांव में खारे पानी का इस्तेमाल

गांव के अधिकांश निवासी मजदूर वर्ग से हैं, जो अक्सर व्यस्तता के कारण स्वच्छता का ध्यान नहीं रख पाते. स्थानीय डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह की समस्याएं आमतौर पर साल में कुछ ही मामलों में देखी जाती हैं, लेकिन इस बार यह समस्या बहुत बड़ी संख्या में फैल गई है.

अब कहा जा रहा है कि यह एक फंगल संक्रमण हो सकता है, लेकिन इसके प्रकार का पता जांच के बाद ही चलेगा. उन्होंने यह भी बताया कि इन गांवों में खारे पानी का इस्तेमाल होता है, और यदि बालों को ठीक से सुखाया नहीं जाए तो नमी जड़ों में संक्रमण पैदा कर सकती है.

जांच के दौरान, गांव के लोग चिंतित हो गए और उन्होंने पानी का इस्तेमाल बंद कर दिया. अब वे पास के क्षेत्रों से पानी मंगवा रहे हैं, ताकि किसी तरह इस समस्या से बचा जा सके.

बुलढाणा के जिला कलेक्टर, किरण पाटिल ने पानी की गुणवत्ता को समस्या का मुख्य कारण मानने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि गांवों में लंबे समय से यही पानी उपयोग में लाया जा रहा है, और पिछले कुछ वर्षों से टैंकर के जरिए पानी मंगवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नमूनों के परिणाम आने के बाद आगे की योजना बनाई जाएगी.

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