Modi 3.o Cabinet: मोदी कैबिनेट पर महाराष्ट्र से झारखंड तक खटपट! अब नाराज हुआ एक और सहयोगी
Modi 3.o Cabinet: एनडीए के लगभग सभी सहयोगी दलों को केंद्र में मंत्री पद मिली है. लेकिन अब एनडीए का एक सहयोगी दल मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज हो गया है. दरअसल, झारखंड के गिरिडीह से एनडीए ने AJSU उम्मीदवार चंद्रप्रकाश चौधरी को मैदान में उतारा था. लोकसभा चुनाव में उनकी जीत भी हुई. पार्टी को उम्मीद थी कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल दलों के जैसे सांसद चौधरी को भी मंत्री पद का ऑफर मिलेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
उचित मान सम्मान दिया जाना चाहिए: AJSU कार्यकर्ता
झारखंड से मंत्री के तौर पर कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी को शपथ दिलाई गई,जबकि रांची से सांसद संजय सेठ को राज्यमंत्री के तौर पर मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि एनडीए के सभी सहयोगी दलों को उचित मान सम्मान दिया जाना चाहिए था. अब कहा जा रहा है कि पार्टी इस विषय पर विचार विमर्श करेगी.
बता दें कि साल 2019 में AJSU जब विधानसभा चुनाव अकेले लड़ी थी तो बीजेपी के खाते में महज 25 सीटें आई थी. इस बार फिर ये चर्चा शुरू हो गई है कि केंद्र में मंत्री पद नहीं मिलने से झारखंड विधानसभा चुनाव में इसका असर पड़ सकता है. झारखंड में ओबीसी की आबादी 46 फीसदी है. यादव 10 फीसदी और वैश्य 25 फीसदी हैं.
एनसीपी अजित गुट ने भी जताई थी नाराजगी
बताते चलें कि इससे पहले एनसीपी अजित गुट ने भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से नाराजगी जाहिर की थी. पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि शपथ ग्रहण से पहले हमें बताया गया था कि हमारी पार्टी को स्वतंत्र प्रभार वाला एक राज्य मंत्री मिलेगा. मैं पहले केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री था, इसलिए यह मेरे लिए एक डिमोशन होता. हमने बीजेपी नेतृत्व को सूचित कर दिया है और उन्होंने हमें कहा है कि बस कुछ दिन इंतजार करें, वे सुधारात्मक उपाय करेंगे.
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एकनाथ शिंदे गुट भी नाराज
एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना ने भी नाराजगी जताई है. पार्टी के चीफ व्हीप श्रीरंग बारणे ने कहा था कि एक तरफ जहां, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और एचडी कुमारस्वामी की पार्टी को कम सीट मिलने के बाद भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. वहीं, उनकी पार्टी के सात सांसद होने के बावजूद सिर्फ स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री का ही पद दिया गया.
श्रीरंग बारणे ने कहा कि हम कैबिनेट में जगह की उम्मीद कर रहे थे. चिराग पासवान के पांच सांसद हैं, मांझी के एक सांसद हैं, जेडीएस के दो सांसद हैं, फिर भी उन्हें एक कैबिनेट मंत्रालय मिला है. फिर 7 लोकसभा सीटें मिलने के बावजूद शिवसेना को सिर्फ एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) क्यों मिला.