म्यूट नहीं किया गया था ममता का माइक! नीति आयोग ने दावे को किया खारिज, अधीर रंजन चौधरी ने भी कसा तंज
Niti Aayog Meeting: नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के माइक को बंद करने का मामला बढ़ता ही जा रहा है. अब इस मामले में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपनी प्रतिक्रिया दे दी है. उन्होंने कहा कि सभी मुख्यमंत्रियों को पर्याप्त समय दिया गया. ममता बनर्जी का दावा पूरी तरह से झूठा है.
अब इस मामले में अंदर की बात भी सामने आई है. दरअसल, सूची के अनुसार, ममता बनर्जी को सूची के हिसाब से लंच के बाद बोलना था. मगर ममता को बैठक से जल्दी निकलना था लिहाजा उन्हें क्रम में पहले मौका दिया गया. ममता ने भी अपनी बात रखी और स्वेच्छा से बात पर विराम लगाया और बाहर चलीं गईं. बैठक में मौजूद कई वरिष्ठ नेताओं ने ममता के इस दावे का खंडन किया है.
बंगाल BJP ने की ममता की आलोचना
ममता बनर्जी के दावे के बाद पश्चिम बंगाल में विपक्षी दलों ने शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक से बाहर निकलने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की है. बनर्जी ने नीति आयोग की बैठक से बाहर निकलते हुए दावा किया कि उन्हें केवल पांच मिनट बोलने की अनुमति दी गई थी. नीति आयोग की बैठक की अध्यक्षता पीएम मोदी ने की.
ममता ने क्या कहा?
बैठक से बाहर निकलने के बाद बनर्जी ने कहा, “…मैंने कहा कि आपको (केंद्र सरकार को) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. मैं बोलना चाहती थी, लेकिन मेरा माइक म्यूट कर दिया गया था. मुझे केवल पांच मिनट बोलने की अनुमति दी गई. मुझसे पहले के लोगों ने 10-20 मिनट तक बात की थी.”
नीति आयोग ने किया खंडन
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दिल्ली पहुंचने से पहले ही ममता ने तैयार कर ली पटकथा: अधीर रंजन
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रमुख और पूर्व सांसद अधीर चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में राहुल गांधी के उदय ने टीएमसी सुप्रीमो के सामने एक समस्या खड़ी कर दी है और वह प्रासंगिक बने रहने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने एक नाटक किया जिसकी पटकथा दिल्ली पहुंचने से पहले ही तैयार कर ली गई थी. उन्होंने पहले ही संकेत दे दिया था कि वह बैठक से बाहर चली जाएंगी.
अधीर रंजन ने कहा कि उनकी मुख्य समस्या राष्ट्रीय राजनीति में राहुल गांधी का उदय है. इससे उन्हें जलन हो रही है. लेकिन उन्हें यह दिखाना होगा कि वह अभी भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक हैं. अगर किसी मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया गया और उसे बोलने की अनुमति नहीं दी गई, तो यह एक जघन्य अपराध है. वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं जा रही हैं या धरना क्यों नहीं दे रही हैं. ”
बंगाल के साथ हो रहा है सौतेला व्यवहार: ममता बनर्जी
वहीं ममता बनर्जी ने कहा कि वह विपक्ष की ओर से अकेली थीं जो बैठक में हिस्सा ले रही थीं, लेकिन फिर भी उन्हें बोलने नहीं दिया गया. इससे पहले ममता बनर्जी ने बंगाल से दिल्ली उड़ान भरने से पहले ही मीडिया से कहा था कि अगर बैठक में बोलने नहीं दिया जाएगा तो मैं बैठक से बाहर चली जाऊंगी. उन्होंने कहा था कि बंगाल के साथ केंद्र सौतेला व्यवहार कर रहा है. मैं इस बारे में बोलना चाहती हूं. अगर वे मुझे बोलने देते हैं तो ठीक है. अगर वे नहीं देते हैं तो मैं विरोध करूंगी और चली जाऊंगी.”