Patanjali Case: सुप्रीम कोर्ट में आचार्य बालकृष्ण ने बिना शर्त माफी मांगी, भ्रामक विज्ञापनों पर कहा- ‘भविष्य में नहीं होगा ऐसा’
Patanjali Case: पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट माफी मांगी गई है. कंपनी के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने आरोपों पर बिना शर्त माफी मांग ली है. साथ ही उन्होंने अदालत को भ्रामक विज्ञापनों पर विश्वास दिलाया है कि अब आगे भविष्य में ऐसी कोई गलती नहीं होगी.
भ्रामक विज्ञापन से जुड़े आरोपों पर पतंजलि के ओर से एक अफडेविट कोर्ट में दाखिल किया गया है. बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने भ्रामक विज्ञापनों के मामले अदालत से बिना शर्म माफी मांगते हुए कहा, ‘वह यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी न किए जाएं.’
उनका कहना है कि उनका उद्देश्य केवल इस देश के नागरिकों को सदियों पुराने साहित्य के माध्यम से जीवनशैली संबंधी बीमारियों के उत्पादों सहित आयुर्वेदिक कंपनी के उत्पादों का उपभोग करके स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है. दरअसल, बीते दिनों सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों को पेश होने के निर्देश दिया था. इस मामले में दो अप्रैल को अगली सुनवाई होने वाली थी. लेकिन इससे पहले ही दोनों ने माफी मांग ली है.
क्या था आरोप
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों को अवमानना को नोटिस देते हुए दो हफ्तों के अंदर पेश होने के लिए कहा था. शीर्ष अदालत ने आईएमए की याचिक पर यह आदेश दिया था. जिसमें बाबा रामदेव पर टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप था. इस मामले की सुनवाई जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ कर रही थी.
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इस पीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत द्वारा जारी नोटिस का जवाब नहीं देने पर कड़ी आपत्ति जताई थी. नोटिस का जवाब नहीं देने पर अदालत ने कहा था कि पहली नजर में इसका उल्लंघन करने की वजह से आपके खिलाफ अवमानना की कार्यवाई क्यों नहीं की जाए. इस मामले में बाबा रामदेव को भी नोटिस जारी किया गया था.