Bihar में अब तक 8 बार लग चुका है राष्ट्रपति शासन, आजादी के बाद 1951 में हुआ था पहला विधानसभा चुनाव

Bihar में पहली बार साल 1968 - 1969 में कुल 224 दिनों के लिए राष्ट्रपति शासन लागू रहा था.
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बिहार विधानसभा

Bihar Politics: बिहार में सियासी हलचल तेज है. राज्य में राजनीति कब करवट बदल ले, इसका अंदाा लगा पाना मुश्किल है. बीतें दिनों नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी NDA सरकार की आज अग्निपरीक्षा है. बहुमत साबित करने के लिए नीतीश कुमार सरकार को फ्लोर टेस्ट पास करना होगा. लेकिन इन सब के बीच बिहार की राजनीति में ऐसे कई किस्से हुए जो बिहार की राजनीतिक आबो हवा को बेहतर परिभाषित करती है. साल 1951 में बिहार विधानसभा चुनाव की शुरुआत हुई थी. इसके बाद से साल 2020 तक बिहार में 17 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इसके साथ ही बिहार में अब तक 8 बार राष्ट्रपति शासन भी लागू हो चुका है. पहली बार साल 1968 – 1969 में कुल 224 दिनों के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहा था.

आजादी के बाद साल 1951 में हुआ पहला चुनाव

बिहार राज्य में पहला विधानसभा चुनाव वर्ष 1951 में हुआ था. आजादी के बाद पहली बार हुए इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी. चुनाव में कांग्रेस को 322 में से 239 सीटों पर जीत हासिल हुई. इसके बाद 1957 में हुए चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी. कांग्रेस को कुल 312 में से 210 सीटें मिली. वहीं साल 1962 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 318 में से 185 सीटें जीत कर फिर से बहुमत हासिल किया.

राज्य में अब तक 8 बार लग चुका है राष्ट्रपति शासन

वर्ष 1968 से लेकर 1969 तक कुल 242 दिनों के लिए बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था. इसके बाद वर्ष 1969 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिली लेकिन पार्टी बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाई. तब कुल 318 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 118 सीटें और भारतीय जन संघ को 34 सीटें मिली थी.

इसके बाद वर्ष 1969 से लेकर 1970 तक फिर से 225 दिनों के लिए राष्ट्रपति शासन लागू हुआ. इसके बाद साल 1972 में 70 दिनों के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहा. साल 1977 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी ने 311 सीटों पर चुनाव लड़ा और 214 सीटों पर जीत हासिल किया. बिहार में जनता पार्टी की सरकार बनी लेकिन इसके पहले 55 दिनों के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहा था.

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साल 1980 से 2005 तक 4 बार लगा राष्ट्रपति शासन

साल 1980 में भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद हुए बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को महज 21 सीटों पर जीत हासिल हुई. इस चुनाव में कांग्रेस (इंदिरा) को 311 में से 169 सीटें मिली तो वहीं कांग्रेस (यू) को 185 में से 14 सीटें मिली थीं. साल 1980 में 112 दिनों के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ. साल 1995 का विधानसभा चुनाव राजनीतिक लिहाज से काफी रोचक रहा था. यह वो चुनाव था जब लालू यादव के नेतृत्व में जनता दल ने 264 सीटों पर चुनाव लड़ते 167 सीटों पर जीत हासिल किया था. साल 1977 में चारा घोटाला की वजह से लालू यादव को मुख्यमंत्री पद को छोड़ना पड़ा, जिसके बाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री बनी.

साल 2000 का विधानसभा चुनाव राजनीतिक मायने से बहुत अलग रहा. ये वो साल था जब बिहार और झारखंड अलग हुआ था. राबड़ी देवी राज्य की मुख्यमंत्री बनी. इस चुनाव में राजद ने 293 सीटों पर चुनाव लगा और 124 सीटों पर जीत हासिल किया. इसके बाद साल 2005 में राज्य में दो बार विधानसभा का चुनाव हुआ और 262 दिनों का राष्ट्रपति शासन भी लागू रहा.

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