कल तक के लिए टली नीट मामले की सुनवाई, IIT को टीम बनाने का निर्देश, जानें अब तक SC में क्या-क्या हुआ

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कई तर्क दिए हैं. वकील ने कहा, "एनटीए के मुताबिक नीट यूजी का पेपर 24 अप्रैल को डिस्पैच हुआ और 3 मई को बैंक में पहुंचा, इसलिए नीट यूजी का पेपर 24 अप्रैल से 3 मई के बीच निजी लोगों के हाथों में रहा.
NEET 2024

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NEET 2024: सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने नीट यूजी पेपर लीक और परीक्षा रद्द करने की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मामले को कल 23 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया है. पीठ ने कहा कि पेपर लीक या तो 4 मई को या उससे पहले हुआ था. SC ने सुनवाई के दौरान आईआईटी दिल्ली के निदेशक को तीन सदस्यीय समिति बनाने और नीट यूजी 2024 में पूछे गए एक प्रश्न पर राय बनाने का भी निर्देश दिया.

NTA ने गलत प्रश्न पत्र देने की बात स्वीकार की

सुनवाई के दौरान, एनटीए ने कुछ केंद्रों पर गलत प्रश्न पत्र वितरण की बात स्वीकार की और कहा कि केवल उन्हीं छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए, जिनके केनरा बैंक के प्रश्न पत्र परीक्षा के बीच में वापस ले लिए गए थे और उनकी जगह एसबीआई के प्रश्न पत्र दिए गए थे. एजेंसी ने एक अतिरिक्त हलफनामा भी दायर किया है, जिसमें याचिकाकर्ताओं के आईआईटी मद्रास के निदेशक से जुड़े आरोपों का खंडन किया गया. आईआईटी मद्रास के निदेशक ने डेटा एनालिटिक्स रिपोर्ट तैयार की थी.

इससे पहले 3 जजों की बेंच का नेतृत्व कर रहे भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा था, “हम एनटीए को यूजी-2024 नीट परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों को प्रकाशित करने का निर्देश देते हैं. परिणाम 20 जुलाई 2024 को दोपहर 12 बजे तक शहर और केंद्रवार घोषित किया जाना चाहिए और इसे एनटीए की वेबसाइट पर अपलोड किया जाना चाहिए.” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीट-यूजी 2024 को नए सिरे से आयोजित करने का कोई भी निर्णय ठोस सबूतों पर आधारित होना चाहिए जो साबित करते हैं कि पूरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा से समझौता किया गया था.

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नीट यूजी मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कई तर्क दिए हैं. वकील ने कहा, “एनटीए के मुताबिक नीट यूजी का पेपर 24 अप्रैल को डिस्पैच हुआ और 3 मई को बैंक में पहुंचा, इसलिए नीट यूजी का पेपर 24 अप्रैल से 3 मई के बीच निजी लोगों के हाथों में रहा.

वकील ने कोर्ट से कहा कि झज्‍जर के हरदयाल स्कूल का उदाहरण लें तो प्रिंसिपल दोनों बैंकों में जाकर पेपर लेते हैं. केनरा बैंक से पेपर बांटा जाता है. जब यह सामने आया कि छह छात्रों को 720/720, दो को 719 और 718 अंक मिले तो पूछा गया कि एक केंद्र से इतने सारे टॉपर कैसे आए? तब NTA ने बयान दिया था कि देरी होने के कारण उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, लेकिन प्रिंसिपल का कहना है कि कोई देरी नहीं हुई और केनरा बैंक का पेपर बांट दिया गया, जबकि एसबीआई का पेपर बांटना था. वकील ने सीजीआई को बताया कि हरदयाल स्कूल ने केनरा बैंक के पेपर बांटें.

मंगलवार को अंतिम फैसले की उम्मीद

अब सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी-दिल्ली के तीन सदस्यों की टीम को एनसीईआरटी के उस प्रश्न का सही उत्तर देने का काम सौंपा है. यह टीम उन 44 उम्मीदवारों के प्रश्नपत्र और उत्तरपत्र की जांच करेगी, जिन्होंने शीर्ष रैंक हासिल की है. मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता में होने वाली सुनवाई में कल अंतिम फैसला सुनाए जाने की उम्मीद है.

 

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