Supreme Court: महिला सशक्तिकरण की दिशा में SC का बड़ा कदम, अब सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में एक तिहाई महिलाओं की होगी हिस्सेदारी

Supreme Court: देश की सर्वोच्च अदालत ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) में एक तिहाई महिला आरक्षण लागू करने का आदेश दिया है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने यह आदेश दिए हैं.
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महिला सशक्तिकरण की दिशा में SC का बड़ा कदम, अब सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में एक तिहाई महिलाओं की होगी हिस्सेदारी

Supreme Court: देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्णय लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक क्षेत्र में महिला भागीदारी को बढ़ाने के लिए निर्देश दिए हैं. दरअसल, देश की सर्वोच्च अदालत ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) में एक तिहाई महिला आरक्षण लागू करने का आदेश दिया है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने बीडी कौशिक के मामले में कोर्ट के एक पुराने फैसले को स्पष्ट करते हुए आदेश दिए हैं.

16 मई को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में होगा लागू

पीठ के आदेश के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के ट्रेजरी(कोषाध्यक्ष) का पद महिलाओं के लिए आरक्षित होगा. इसके अलावा एसोसिएशन की कार्यसमिति के 9 में सदस्यों में 3 पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे. इस आदेश को पहली बार 16 मई को होने वाले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में लागू किया जाएगा. बता दें कि इन चुनाव के नतीजे रविवार, 18 मई को आएंगे.

अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष में पद महिलाओं के लिए आरक्षित

निर्देश के मुताबिक, अब एससीबीए के पदाधिकारियों अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष में कोषाध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में सीनियर एडवोकेट्स के लिए बनी सीनियर कार्यकारिणी के छह सदस्यों में से दो पद महिलाओं के आरक्षित हो जाएगा और सामान्य कार्यकारिणी के नौ सदस्यों में से तीन सदस्य के पद भी उनके लिए आरक्षित हो जाएंगे.

‘उम्मीदवारों की योग्यता-शर्तों में बदलाव व सुधार की जरूरत’

कोर्ट ने इस दौरान कहा कि उम्मीदवारों की योग्यता और शर्तों में आवश्यक बदलाव व सुधार के बाबत आठ प्रस्ताव लाए गए लेकिन वह सभी नाकाम हो गए. इन सब के अलावा एसोसिएशन का सदस्य बनने के लिए फीस और चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार की जमानत राशि को लेकर भी लाए गए प्रस्ताव 30 अप्रैल को आयोजित स्पेशल जनरल बॉडी मीटिंग में खारिज हो गए. ऐसे में कोर्ट ने कहा कि नियम, योग्यता, शर्तों और फीस को लेकर निर्देश जारी करने जरूरत है. क्योंकि इन चीजों को कई सालों तक लंबित तक नहीं रखा जा सकता है. इन नियमों में समय रहते सुधार और बदलाव जरूरी हैं.

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SCBA ने 19 जुलाई तक सभी सदस्यों से मांगे सुझाव

कोर्ट ने कहा कि SCBA इस बाबत अपनी वेबसाइट और अन्य तरीकों से सभी सदस्यों से 19 जुलाई तक सुझाव मांगे हैं. जिसके मुताबिक 19 जुलाई तक सुझाव भेजे जा सकते हैं. इसके बाद आम वकीलों से मिलने वाले ये सुझाव बार एसोसिएशन डिजिटल या प्रिंटेड फॉर्मेट में संकलित कर कोर्ट को दिया जाएगा. इसके बाद उन सुझावों के आधार पर अभी सुधारों और बदलाव का सिलसिला जारी रहेगा.

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