NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द नहीं होगी, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे एहसास है कि मौजूदा साल के लिए नए सिरे से NEET-UG का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका असर इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से ज़्यादा छात्रों पर पड़ेगा.
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सुप्रीम कोर्ट(फाइल फोटो)

NEET-UG 2024 : नीट-यूजी परीक्षा मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि उसे एहसास है कि मौजूदा साल के लिए नए सिरे से NEET-UG का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका असर इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से ज़्यादा छात्रों पर पड़ेगा.

री-नीट की जरूरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट

इससे पहले नीट मामले पर 22 जुलाई को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. अदालत ने दलील सुनने के बाद 23 जुलाई तक के लिए सुनवाई टाल दी थी. हालांकि, अब सर्वोच्च अदालत ने इस पर बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परीक्षा फिर से कराने की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद उन लाखों छात्रों को झटका लगा है, जिन्होंने री-नीट की मांग की थी.

हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं याचिकाकर्ता: CJI

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि  सवाल को लेकर जो डाउट था वो अब क्लियर हो चुका है. NTA ने ग्रेस मार्क्स वाले 1563 स्टूडेंट्स के लिए दोबारा एग्जाम कंडक्ट करा लिया है. अब भी अगर किसी की कोई शिकायत हो तो वो संविधान के आर्टिकल 226 के तहत हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के सीनियर वकील संजय हेगड़े ने अपनी दलील में कहा है कि ये साफ है कि 4 मई को स्टूडेंट्स को पेपर मिल चुका था. उन्होंने पेपर के सही जवाब याद किए और फिर भी फेल हो गए. पेपर लीक के लिए लंबी टाइमलाइन जरूरी है, कम समय में ये हो ही नहीं सकता.

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दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने और रिजल्ट रद्द करने की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है.  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड पर उपलब्ध आंकड़े प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का संकेत नहीं देते, जिससे परीक्षा की पवित्रता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिलता हो. सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG दोबारा परीक्षा कराने और रिजल्ट रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

नीट यूजी मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?

इससे पहले 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कई तर्क दिए थे. वकील ने कहा, “एनटीए के मुताबिक नीट यूजी का पेपर 24 अप्रैल को डिस्पैच हुआ और 3 मई को बैंक में पहुंचा, इसलिए नीट यूजी का पेपर 24 अप्रैल से 3 मई के बीच निजी लोगों के हाथों में रहा. वकील ने कोर्ट से कहा कि झज्‍जर के हरदयाल स्कूल का उदाहरण लें तो प्रिंसिपल दोनों बैंकों में जाकर पेपर लेते हैं. केनरा बैंक से पेपर बांटा जाता है.”

वकील ने आगे कहा कि जब यह सामने आया कि छह छात्रों को 720/720, दो को 719 और 718 अंक मिले तो पूछा गया कि एक केंद्र से इतने सारे टॉपर कैसे आए? तब NTA ने बयान दिया था कि देरी होने के कारण उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, लेकिन प्रिंसिपल का कहना है कि कोई देरी नहीं हुई और केनरा बैंक का पेपर बांट दिया गया, जबकि एसबीआई का पेपर बांटना था. वकील ने सीजीआई को बताया कि हरदयाल स्कूल ने केनरा बैंक के पेपर बांटें.
लेकिन इन सभी तर्कों को सुनने के बाद अब अदालत ने अपना फैसला दे दिया है.

 

 

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