1625 उम्मीदवार, 102 सीटें और 1.87 लाख मतदान केंद्र…पहले चरण के चुनाव के बारे में सबकुछ जानें यहां
Lok Sabha election 2024 Phase 1: 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल से शुरू हो रहा है. चुनाव के पहले चरण में देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का एक बड़ा हिस्सा शामिल होगा. इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 102 निर्वाचन क्षेत्रों के योग्य और पंजीकृत मतदाता अपना वोट डालेंगे. पहले चरण के दौरान 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पूरी तरह से कवर किया जाएगा, जबकि उनमें से 11 को आंशिक रूप से कवर किया जाएगा.
पहले चरण में किन राज्यों में होगा मतदान?
पहले चरण में अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सहित जम्मू-कश्मीर, लक्षद्वीप और पुडुचेरी जैसे 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 102 लोकसभा सीटों पर मतदान किया जाएगा. वोटों की गिनती 4 जून को होगी. पहले चरण में कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगा है.
इन राज्यों में एक ही चरण में होंगे चुनाव
लोकसभा चुनाव 2024 के तहत तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर 19 अप्रैल को पहले चरण में ही मतदान समाप्त हो जाएंगे. वहीं, उत्तराखंड की 5 लोकसभा सीट, मेघालय की 2 लोकसभा सीट, अरुणाचल प्रदेश की 2 लोकसभा सीट, सिक्किम, नागालैंड, मिजोरम, अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप, पुडुचेरी की 1-1 लोकसभा सीट पर भी पहले चरण में ही मतदान समाप्त हो जाएंगे.
चुनाव आयोग की क्या है तैयारी?
19 अप्रैल को सुबह 7 बजे से शुरू होने वाले मतदान को लेकर चुनाव आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली है. इसी के चलते चुनाव कर्मचारियों को स्ट्रांग रूम से मतदान सामग्री का वितरण किया जा चुका है. पहले चरण के चुनाव में चुनाव आयोग के मुताबिक 18 लाख से अधिक मतदान अधिकारी 16.63 करोड़ से अधिक मतदाताओं का स्वागत करेंगे. इसके लिए 1.87 लाख मतदान केंद्र बनाए गए हैं. मतदाताओं में 8.4 करोड़ पुरुष: 8.23 करोड़ महिला और 11,371 थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल हैं. 35.67 लाख पहली बार वोट देने वाले मतदाता वोट डालने वाले हैं. 20-29 वर्ष आयु वर्ग के 3.51 करोड़ युवा मतदाता हैं.
पहले चरण में 1625 उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में कुल 1625 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसमें से पुरुष 1491; महिला-134 हैं. वहीं मतदान और सुरक्षा कर्मियों को लाने-ले जाने के लिए 41 हेलीकॉप्टर, 84 विशेष ट्रेनें और लगभग 1 लाख वाहन तैनात किए गए हैं. चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से चुनाव कराने के लिए कई कदम उठाए हैं. चुनाव में कोई बाधा न आए इसके लिए मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है. 50 फीसदी से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की जाएगी. सभी मतदान केन्द्रों पर माइक्रो पर्यवेक्षकों की तैनाती के साथ ही 361 पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं. जिनमें 127 सामान्य पर्यवेक्षक, 67 पुलिस पर्यवेक्षक, 167 फाइनेंशियल पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं.
सबसे खास बात यह कि 85 साल से ऊपर के मतदाताओं के लिए पिक एंड ड्रॉप सुविधा दी गई है. पीडब्ल्यूडी मतदाता ईसीआई सक्षम ऐप के माध्यम से व्हीलचेयर ब्रेल सुविधाएं भी बुक कर सकते हैं. 102 संसदीय क्षेत्रों में स्थानीय थीम के साथ मॉडल मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं. आधी आबादी को तवज्जो देने के लिए 5000 से अधिक मतदान केंद्रों का प्रबंधन पूरी तरह से महिलाओं के हाथों में होगा.
दांव पर लगी दिग्गजों की किस्मत
1. नितिन गडकरी (महाराष्ट्र): केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी नागपुर सीट से जीत की हैट्रिक लगाना चाह रहे हैं. 2014 में उन्होंने सात बार के सांसद विलास मुत्तेमवार को 2.84 लाख वोटों के अंतर से हराया था और 2019 में वर्तमान महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले को 2.16 लाख वोटों से हराकर सीट बरकरार रखी.
2. जितिन प्रसाद (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश में पीलीभीत निर्वाचन क्षेत्र का काफी महत्व है क्योंकि भाजपा ने वरुण गांधी की जगह जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है. भाजपा के जितिन प्रसाद, समाजवादी पार्टी के भगवंत सरन गंगवार और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अनीस अहमद खान चुनाव में मुख्य उम्मीदवार हैं. 2004 में शाहजहांपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे जितिन प्रसाद ने लोकसभा चुनाव जीता था. 2009 में धौरहरा सीट जीतने के बाद उन्हें कांग्रेस प्रशासन में केंद्रीय मंत्री नियुक्त किया गया. वह 2021 में भाजपा में शामिल हो गए.
3. तमिलिसै सौंदरराजन (तमिलनाडु): भाजपा उम्मीदवार तमिलिसै सौंदरराजन ने सक्रिय राजनीति में लौटने के लिए हाल ही में तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया. वह चेन्नई दक्षिण लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं. तमिलिसै दिग्गज कांग्रेस नेता कुमारी अनंतन की बेटी हैं.
4. कार्ति चिदंबरम (तमिलनाडु): तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा चुनाव सीट पर चिदंबरम परिवार का दबदबा रहा है. यह कांग्रेस की परंपरागत सीट है. 1984 से 2009 तक यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम का कब्जा रहा है. उनके बाद यहां की सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की.
5. के अन्नामलाई (तमिलनाडु): कोयंबटूर में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई का मुकाबला डीएमके नेता गणपति पी राजकुमार और एआईएडीएमके नेता सिंगाई रामचंद्रन से होगा. साउथ में बीजेपी के मजबूत नेता के लिए यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है.
6. दयानिधि मारन (तमिलनाडु): तमिलनाडु की चेन्नई सेंट्रल लोकसभा सीट पर सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. द्रमुक ने निवर्तमान सांसद दयानिधि मारन को मैदान में उतारा है जो सीट बरकरार रखना चाहते हैं, जबकि भाजपा ने विनोज पी सेल्वम को मैदान में उतारा है. चेन्नई सेंट्रल को डीएमके का गढ़ माना जाता है.
7. नकुल नाथ (मध्य प्रदेश): कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ छिंदवाड़ा से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. यह सीट मजबूती से कमल नाथ के पास रही है, जिन्होंने 1980 के बाद से नौ बार सीट जीती है. 2019 के चुनावों में हालांकि भाजपा ने राज्य की 29 में से 28 सीटें हासिल कीं, लेकिन वह छिंदवाड़ा पर कब्जा करने में विफल रही, जहां नकुल ने भाजपा के उम्मीदवार को 37,536 से हराया.
8. इमरान मसूद (उत्तर प्रदेश): पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों में से एक सहारनपुर में त्रिकोणीय मुकाबला, कांग्रेस-सपा गठबंधन के उम्मीदवार इमरान मसूद, भारतीय जनता पार्टी के राघव लखनपाल शर्मा और बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के माजिद अली के बीच होने की उम्मीद है. मसूद नौ बार सांसद (पांच बार लोकसभा सदस्य और चार बार राज्यसभा सदस्य) रशीद मसूद के भतीजे हैं.