सूरत में कैसे रद्द हो गया कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन? यहां जानें BJP उम्मीदवार के निर्विरोध जीतने की पूरी कहानी
Lok Sabha Election 2024: पहले फेज का चुनाव खत्म हो गया है और दूसरे चरण के मतदान में महज 3 दिन रह बचा है. लेकिन इससे पहले ही गुजरात में कुछ ऐसा हुआ कि बीजेपी के एक प्रत्याशी को जीत मिल गई. दूसरे चरण के मतदान से पहले ही भाजपा का खाता खुल गया. इसके कारण अब सूरत लोकसभा सीट पर चुनाव की ही जरूरत नहीं है.
दरअसल, कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने के बाद अब बाकी बचे 8 उम्मीदवारों ने भी अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. ऐसे में बीजेपी नेता मुकेश दलाल निर्विरोध चुन लिए गए. चुनाव आयोग ने उन्हें जीत का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया है. ऐसा पहली बार हुआ है कि बीजेपी का कोई प्रत्याशी निर्विरोध चुनाव जीता हो. वहीं कांग्रेस ने इसे मैच फिक्सिंग बताया है.
गुजरात में तीसरे चरण में 7 मई को होगा मतदान
बता दें कि गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर मतदान तीसरे चरण में यानी 7 मई को होना है. इसके लिए नामांकन की आखिरी तारीख 19 अप्रैल को थी और नामांकन वापस लेने की तारीख 22 अप्रैल है. राज्य की सूरत सीट से बीजेपी कांग्रेस समेत कुल 11 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन किया था.
बीजेपी के मुकेश दलाल और कांग्रेस के निलेश कुभ्भानी, बसपा से प्यारे लाल भारती, सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी से अब्दुल हामिद खान, ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी से जयेश मेवाडा और लोग पार्टी से सोहेल खान ने नामांकन दाखिल किया था.मन में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर कांग्रेस के उम्मीदवार ने ऐसी क्या गलती कर दी जो बीजेपी के मुकेश दलाल की झोली में यह सीट बिना कुछ करे ही आ गई. आइये हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
कैसे रद्द हुआ नामांकन?
कांग्रेस उम्मीदवार का कहना है कि वो इसके विरोध में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. वो रिटर्निंग ऑफिसर के फैसले को चुनौती देंगे. मामले में मुकेश दलाल के चुनाव एजेंट ने कांग्रेस उम्मीदवार के नामांकन फार्म पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद रिटर्निंग अधिकारी ने कांग्रेस उम्मीदवार को रविवार को अपना मामला पेश करने का मौका दिया था. जवाब में, कुंभानी ने दावा किया कि प्रस्तावकों ने उनकी उपस्थिति में फॉर्म पर हस्ताक्षर किए थे और हस्तलेखन विशेषज्ञ से हस्ताक्षरों की जांच करने का सुझाव दिया था. रिटर्निंग अधिकारी ने हलफनामे और सबूतों की समीक्षा करने के बाद हस्ताक्षरों को संदिग्ध माना और नामांकन खारिज कर दिया.
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, “गुजरात की आवाम का आक्रोश बीजेपी के खिलाफ है जगह जगह भाजपा का विरोध. चुनाव में हार के डर से घबराई और बौखलाई भाजपा ने कांग्रेस के उम्मीदवारों के फॉर्म निष्कासित करवाने के हथकंडे अपना रही है. 159 सूरत विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन पत्र में हस्ताक्षर करने वाले मुकर गए थे फिर भी रिटर्निंग ऑफिसर ने जजमेंट उम्मीदवार के पक्ष में देकर फॉर्म स्वीकार किया था. आज सूरत से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भणी का नामांकन पत्र में वैसे ही स्थिति है. संवैधानिक संस्था भारतीय चुनाव आयोग की भी जिम्मेदारी है कि चुप न बैठे, संज्ञान ले और उम्मीदवार को चुनाव लड़ने की इजाजत दे. मुझे पूरा विश्वास है, गुजरात की प्यारी आवाम का साथ, समर्थन और आशीर्वाद कांग्रेस को और मजबूत बनाएगा.”