दिल्ली में प्रेशर पॉलिटिक्स! TDP और JDU ने की स्पीकर पद की डिमांड, जानें क्यों अहम है यह कुर्सी

बहरहाल , केंद्र में एनडीए की लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए अहम भूमिका निभाने वाली दो पार्टियों टीडीपी और जेडी(यू) ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए दबाव बनाने का फैसला किया है.
Lok Sabha Elections 2024

Lok Sabha Elections 2024

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा की सभी 543 सीटों के नतीजे आ गए हैं. एनडीए को बहुमत मिल चुका है, मगर सरकार को लेकर सस्पेंस जारी है. भाजपा को बहुमत नहीं आने की वजह से इंडिया गठबंधन भी सरकार बनाने की कोशिशों में जुटा है. हालांकि, भाजपा ने दावा किया है कि एनडीए ही सरकार बनाएगा. मगर इसके लिए नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की भूमिका अहम होगी. हालांकि, अगले कुछ दिनों में ये तय हो जाएगा कि आखिर इंडिया ब्लॉक के दावे में कितना दम है.

बहरहाल , केंद्र में एनडीए की लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए अहम भूमिका निभाने वाली दो पार्टियों टीडीपी और जेडी(यू) ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए दबाव बनाने का फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक, दोनों पार्टियों ने भाजपा नेतृत्व को पहले ही संकेत दे दिया है कि अध्यक्ष पद गठबंधन सहयोगियों को ही दिया जाना चाहिए.

टीडीपी के जीएमसी बालयोगी जब बने थे स्पीकर

1990 के दशक के आखिर में जब अटल बिहारी वाजपेयी गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे, तब टीडीपी के जीएमसी बालयोगी अध्यक्ष थे. सूत्रों ने बताया कि यह कदम गठबंधन सहयोगियों को भविष्य में किसी भी पलटीबाजी से बचाने के लिए उठाया गया है. दलबदल विरोधी कानून में अध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण है. सूत्रों के मुताबिक, टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के कुछ अन्य सहयोगियों से बात की है. दलबदल के मुद्दे पर, सुप्रीम कोर्ट के पास भी सीमित शक्तियां हैं.

स्पीकर के पास महत्वपूर्ण ताकत

ऐसे कई उदाहरण हैं जहां आरोप लगाए गए हैं कि स्पीकर ने अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने में पक्षपातपूर्ण भूमिका निभाई. पिछले साल, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों के खिलाफ दलबदल विरोधी कार्यवाही की सुनवाई और निर्णय लेने का अंतिम अवसर दिया था. ये सभी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से अलग हो गए थे, जिससे उनकी सरकार गिर गई थी. इन याचिकाओं की सुनवाई में देरी ने पार्टी में फूट को बल दिया, जिससे शिंदे को महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा करने का मौका मिला.

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बैठक में शामिल हो सकते हैं नीतीश और नायडू

यह स्पष्ट नहीं है कि नायडू और कुमार बुधवार को नई दिल्ली में होने वाली एनडीए की बैठक में आधिकारिक तौर पर इस मांग को उठाएंगे या नहीं. दोनों नेताओं के बैठक में शामिल होने की उम्मीद है. इसके अलावा खबर आ रही है कि एनडीए के सहयोगियों ने सरकार गठन से पहले ही बीजेपी पर दवाब बनाना शुरू कर दिया. जेडीयू ने भी 3 केबिनेट के की मांग की है. इसके अलावा एकनाथ शिंदे 1 कैबिनेट और 2 MOS चाहता हैं. इसके अलावा चिराग पासवान 1 केबिनेट और 1 राज्य मंत्री की मांग कर सकते हैं. जीतन राम माझी भी मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनना चाहते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, टीडीपी सहित अन्य सहयोगी दलों ने अपनी डिमांड रखनी शुरू कर दी है. सबसे बड़ी डिमांड लोकसभा स्पीकर पद को लेकर रहने वाली है जिस पर टीडीपी दावा ठोकने लगी है. कहा जा रहा है कि नायडू 5 से लेकर 6 या फिर इससे ज्यादा भी मंत्रालय मांग सकते हैं.

 

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