जब 1991 में आरा में भी बन गई थी मुरादाबाद जैसी स्थिति, यूपी की इस सीट पर अब सभी की निगाहें

साल 1991. ठीक 16 महीने पहले ही नौवीं लोकसभा भंग कर दी गई थी. देश अब 10वें आम चुनाव के लिए तैयार था. उस वक्त देश की राजनीति मंडल और मंदिर के इर्द-गिर्द केंद्रित था.
कुंवर सर्वेश सिंह

कुंवर सर्वेश सिंह

Moradabad Lok Sabha Chunav: भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार कुंवर सर्वेश सिंह का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को निधन हो गया. सिंह ने दिल्ली के एम्स में शाम करीब साढ़े छह बजे अंतिम सांस ली. सर्वेश के रसूख का ही असर था कि तमाम विरोधियों को दरकिनार कर भारतीय जनता पार्टी ने लगातार चौथी बार उन्हें लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया. मुरादाबाद की सियासत में कुंवर सर्वेश सिंह का 3 दशकों से अधिक समय तक दबदबा रहा. हालांकि, अब बीजेपी का ये किला ढह गया है. सर्वेश सिंह के निधन के बाद अब चर्चा है कि क्या मुरादाबाद सीट पर फिर से चुनाव होगा?

मुरादाबाद लोकसभा सीट की अभी जो स्थिति है ठीक ऐसी ही स्थिति बनी थी साल 1991 में. उस समय बिहार के आरा लोकसभा सीट के एक उम्मीदवार की वोटिंग के बाद मौत हो गई थी.

1991 में सूर्यदेव सिंह की हुई थी मौत

साल 1991. ठीक 16 महीने पहले ही नौवीं लोकसभा भंग कर दी गई थी. देश अब 10वें आम चुनाव के लिए तैयार था. उस वक्त देश की राजनीति मंडल और मंदिर के इर्द-गिर्द केंद्रित था. साल 1991 में एक बार फिर से लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा. इस चुनाव में बिहार की आरा लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सूर्यदेव सिंह उतरे. 4 बार विधायक रहे सूर्यदेव इस बार सांसदी जीतकर संसद पहुंचने के लिए तैयार थे.

दूसरी ओर जनता दल ने राम लखन यादव को उम्मीदवार बनाया था. उस वक्त आरा सीट पर दो दिग्गज आमने-सामने थे. चुनाव भी हुए. वोट भी डाले गए.  चर्चा थी कि सूर्योदय सिंह भारी मतों के अंतर से चुनाव जीतेंगे. हालांकि, मतगणना से पहले खबर आई कि उनका निधन हो गया. हालांकि, जब मतगणना हुई तो रामलखन सिंह यादव चुनाव जीत गए थे. और उस सीट पर चुनाव भी नहीं कराने पड़े.

अब जब सर्वेश सिंह का निधन हो गया है तो चर्चा है कि क्या मुरादाबाद में उपचुनाव होंगे. हालांकि, राजनीति के जानकारों का कहना है कि अभी उपचुनाव की बातें दूर की कौड़ी है. इसके लिए मतगणना तक रुकना ही विकल्प है. इसके पीछे उनका तर्क है कि अगर सर्वेश सिंह की हार होती है तो यहां किसी भी हाल में उप चुनाव नहीं कराए जाएंगे.

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क्या मुरादाबाद में होगा उपचुनाव?

दरअसल, मुरादाबाद में पहले दौर की मतदान प्रक्रिया 19 अप्रैल को समाप्त हो गई. अब बस 4 जून के नतीजे का इंतजार करना बाकी है. हालांकि सबसे पहले बीजेपी प्रत्याशी कुंवर सर्वेश सिंह का निधन हो गया.मुरादाबाद में कोई मौजूदा सांसद न होने पर ही उपचुनाव होगा. हालांकि, अभी चुनाव हुए हैं. परिणाम अभी भी लंबित हैं. जब तक कुंवर सर्वेश सिंह विजयी नहीं हो जाते तब तक उपचुनाव की आवश्यकता नहीं होगी.

कौन थे मुरादाबाद से उम्मीदवार?

बीजेपी ने मुरादाबाद में कुंवर सर्वेश सिंह को अपना उम्मीदवार चुना था. कुंवर सर्वेश सिंह पांच बार विधायक और एक बार सांसद रहे. मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी ने उन्हें चुनौती देने के लिए रुचि वीरा को मैदान में उतारा. इसके अलावा इरफान सैफी को बसपा प्रत्याशी चुना गया.

 

 

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