Jabalpur: 195 सरकारी स्कूलों में से 141 के पास कम्प्यूटर लैब नहीं, 70 हजार बच्चों से दूर तकनीकी ज्ञान

Jabalpur News: जबलपुर जिले में योजना के तहत 195 सरकारी स्कूलों में आईटी लैब खुलना है. इस योजना में करीब 30 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जानी हैं. पिछले 4 सालों में महज 54 स्कूलों में ही कंप्यूटर लैब खुल पाए
70 thousand students of Jabalpur are not getting computer education

AI फोटो (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Jabalpur News: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों के हालात किसी से छिपे नहीं हैं. लेकिन सबसे हैरानी की बात यह है कि सरकारी स्कूलों के हालातों को सुधारने के लिए जो प्रयास किया जा रहे हैं, वह भी जमीन पर नहीं उतर पा रहे हैं. डिजिटल इंडिया के जमाने में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को भी कंप्यूटर का ज्ञान देना जरूरी है. लेकिन योजना होने के बावजूद भी सरकारी स्कूलों में अब तक कंप्यूटर नहीं पहुंच पाए हैं.

कोरोना के समय बनी थी योजना

आज के आधुनिक शिक्षा के युग में कंप्यूटर का ज्ञान बेहद जरूरी होता है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जबलपुर जिले के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का कंप्यूटर शिक्षा से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है. इसका कारण सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर नहीं हैं. शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते आईटी के उपयोग और आवश्यकता को देखते हुए शिक्षा विभाग ने कोरोना संकटकाल के बाद सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर लैब खोलने की योजना बनाई थी.

इस योजना के तहत हर सरकारी स्कूल में कम से कम 10 कंप्यूटर सिस्टम की लैब, प्रिंटर मशीन इंटरनेट कनेक्शन, इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले और फर्नीचर की व्यवस्था की जानी चाहिए थी. लेकिन योजनाओं को शुरू हुए 4 साल बीत चुके हैं लेकिन अब तक इस योजना का लाभ छात्रों को नहीं मिल पाया है.

जिले के 195 स्कूलों में खोले जाएंगे आईटी लैब

आंकड़ों के मुताबिक जबलपुर जिले में योजना के तहत 195 सरकारी स्कूलों में आईटी लैब खुलना है. इस योजना में करीब 30 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जानी हैं. पिछले 4 सालों में महज 54 स्कूलों में ही कंप्यूटर लैब खुल पाए. 60 स्कूलों में कंप्यूटर लैब खोलने की प्रक्रिया चल रही है. योजना के तहत महज 27 फीसदी ही काम हो पाया है. 73 फीसदी से ज्यादा स्कूलों में कंप्यूटर लैब नहीं खुल पाए हैं. जिसकी वजह से 70 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं कंप्यूटर शिक्षा के ज्ञान से वंचित हैं.

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‘कई स्कूल के स्टाफ इसे लेकर सक्रिय नहीं’

मानेगांव के हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य पद पर तैनात सुधा पाटकर ने कहा कि सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर लैब न खोलने के पीछे कई वजह सामने आ रही हैं. जबलपुर जिले के कई सरकारी स्कूलों के पास तो खुद का भवन नहीं है. जिनके पास भवन है तो पर्याप्त जगह नहीं है. बिजली की समस्या है. सुरक्षा की समस्या है.

उन्होंने आगे कहा कि वहीं कई स्कूलों के स्टॉफ भी इस योजना को लेकर सक्रिय नजर नहीं आते हैं. जिसकी वजह से सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर लैब नहीं खुल पा रहे हैं. सरकारी स्कूलों के प्राचार्य भी यह बात को स्वीकारते हैं कि कंप्यूटर लैब न होने की वजह से बच्चों को कंप्यूटर की बेसिक शिक्षा भी नहीं मिल पा रही है.

‘काम की रफ्तार धीमी है’

जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने कहा कि योजना के तहत सरकारी स्कूलों में लैब खोलने की प्रक्रिया जारी है. लेकिन काम इतनी धीमी गति से चल रहा है कि आने वाले सत्र के खत्म होने तक ही स्कूल में कंप्यूटर सिस्टम पहुंच पाएगा.

 

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