MP News: तीन इंजीनियरों की वजह से डूब गए 85 मकान! जल संसाधन विभाग ने जारी किया शोकॉज नोटिस

MP News: जवाब न आने पर इन सभी के खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश में तेज बारिश के दौरान जब ग्वालियर अंचल में तेज बारिश हो रही थी. तब ग्वालियर में 4 सितंबर को डैम नहीं खोलने की वजह से पूरी तरीके से इलाका जलमग्न हो गया था.
Water Resources Department

जल संसाधन विभाग मध्य प्रदेश

MP News: जल संसाधन विभाग की लापरवाही से प्रदेश भर में हो रही अतिवृष्टि के दौरान लापुर बांध लबालब हो गया और बांध के गेट जल संसाधन विभाग के अफसर ने नहीं खोले. जिसके चलते ग्वालियर के शिथौली के पास बसी ललियापुर कॉलोनी में 85 घर डूब गए. यहां के सभी घरों में 3 फीट से अधिक पानी भर गया और लोगों को अपना घर बार छोड़कर भागना पड़ा. इसको लेकर अब जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता ने प्रभारी कार्यपालन यांत्रिक पंकज शेखर, प्रभारी अनु विभागीय अधिकारी, वीरेंद्र यादव और प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी डीके राठौर को कारण बताओं नोटिस जारी करके जवाब मांगा है.

बांध का गेट न खुलने से डूबी कॉलोनी

जवाब न आने पर इन सभी के खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश में तेज बारिश के दौरान जब ग्वालियर अंचल में तेज बारिश हो रही थी. तब ग्वालियर में 4 सितंबर को डैम नहीं खोलने की वजह से पूरी तरीके से इलाका जलमग्न हो गया था. जल संसाधन विभाग के अफसर ने बांध का गेट नहीं खोला. नतीजा यह हुआ कि वहां पर बसी कॉलोनी पूरी तरीके से डूब गई. लोगों को भारी बारिश और जल भराव की समस्या से परेशान होना पड़ा.

इस मामले की शिकायत स्थानीय लोगों ने प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट से की थी. तुलसीराम सिलावट ने मामले की जांच करने के लिए निर्देश दिए थे. जिसके बाद प्रमुख अभियंता ने तीन इंजीनियरों के खिलाफ नोटिस जारी किया है.

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नोटिस में बताई इंजीनियरों की लापरवाही

जल संसाधन विभाग की प्रमुख अभियंता विनोद कुमार देवड़ा ने इंजीनियरों की लापरवाही बताते हुए कहा कि वर्ष कल के दौरान बांध से जल भराव और दूर क्षेत्र की निगरानी के लिए उनका उत्तरदायित्व था. जिसका पालन इंजीनियर के द्वारा नहीं किया गया और कार्य में घोर लापरवाही बरती गई. दायित्व के निर्वहन में लापरवाही हुई है. क्यों ना आपके विरुद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण अपील की धारा के तहत कार्रवाई की जाए.

इससे पहले अपने बचाव में 7 दिन के अंदर जवाब देना होगा. स्वयं के बचाव में कहने की अनुमति दी जाती है. अगर जवाब नहीं दिया जाता है तो एकपक्षीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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