आजादी के 77 साल बाद भी Madhya Pradesh के 10 जिलों में रेल कनेक्टिविटी नहीं, अगले साल झाबुआ को मिल सकती है सौगात

MP News: भोपाल, पश्चिम मध्य रेल (WCR) का बड़ा रेल मंडल है. इस मंडल के दो ऐसे जिले हैं, जहां रेल कनेक्टिविटी नहीं है
Even after 77 years of independence, 10 districts of MP do not have rail connectivity

सांकेतिक तस्वीर

MP News: मध्य प्रदेश में 700 से ज्यादा छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन (Railway Station) हैं. प्रदेश में 10 ऐसे जिले हैं, जहां रेलवे स्टेशन नहीं हैं. वहां आज तक रेल नहीं पहुंच पाई. लोगों को रेल आने का आज भी इंतजार है. आजादी के 77 साल बाद भी रेलवे ने इन जिलों की सुध नहीं ली है. हालांकि कुछ जिलों में रेलवे लाइन का प्रोजेक्ट जारी है, वह भी धीमी गति से चल रहा है.

भोपाल रेल मंडल के दो जिलों में रेल कनेक्टिविटी नहीं

भोपाल, पश्चिम मध्य रेल (WCR) का बड़ा रेल मंडल है. इस मंडल के दो ऐसे जिले हैं, जहां रेल कनेक्टिविटी नहीं है. जिसमें सबसे पहले नाम आता है रायसेन का जहां दूर से भी रेल नहीं गुजरती है. वहीं दूसरा नाम राजगढ़ है. जिसका स्टेशन ब्यावरा में है. जिसका नाम राजगढ़ के नाम से रख तो दिया गया है लेकिन जिला मुख्यालय का पता नहीं है.

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जबलपुर मंडल के 5 जिले हैं. पन्ना नाम तो सुना ही होगा, जहां हीरे का खजाना पाया जाता है. लेकिन पन्ना में ट्रेन देखने को नहीं मिलेगी. आज तक पन्ना जिलावासियों को या तो छतरपुर या सतना ट्रेन में यात्रा करने के लिए जाना पड़ता है. वहीं सीधी रीवा संभाग में आता है लेकिन अभी तक सीधी में रेलवे स्टेशन नहीं बन पाया है. हांलाकि रीवा, सीधी, सिंगरौली रेलवे लाइन परियोजना के तहत सीधी जिले के रघुनाथपुर में पहला रेलवे स्टेशन बन रहा है. हाल ही में प्रदेश सरकार ने मऊगंज जिला बनाया है, जहां रेलवे स्टेशन नहीं है.

रेल लाइन को मिली मंजूरी लेकिन रेलवे ट्रैक में लगेगा समय

मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन जबलपुर है. WCR के अंतर्गत यह जिला आता है. जहां आज तक रेल नहीं पहुंच पाई है. डिंडोरी से उमरिया 108 किलोमीटर और पेंड्रा रोड 115 किलोमीटर है. जहां से डिंडोरी के यात्री अपनी रेल यात्रा शुरू करते हैं.

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खंडवा, खरगोन और अलीराजपुर में नई रेलवे लाइन को मंजूरी मिली है. खरगोन वो जिला है, जहां अभी तक रेल लाइन नहीं पहुंची है. जल्द ही खंडवा-खरगोन-अलीराजपुर नई रेल लाइन बन सकती है क्योंकि इस लाइन के सर्वे को मंजूरी मिली है. यदि सब कुछ ठीक रहा तो खरगोन के लोग भी अपने शहर से ट्रेन को गुजरते हुए देख सकेंगे.

झाबुआ का इंतजार जल्द खत्म होगा

झाबुआ शहर से नजदीकी मेघनगर रेलवे स्टेशन है. इसके अलावा रतलाम-दाहोद रेलवे स्टेशन भी नजदीक है. पश्चिम रेलवे जारी वित्तीय वर्ष में दाहोद से कतवारा होते हुए झाबुआ तक रेल लाइन बिछाने के लक्ष्य के हिसाब से काम कर रहा है. यह हिस्सा इंदौर-दाहोद नई रेल लाइन परियोजना का हिस्सा है. साल 2025 में रेलविहीन झाबुआ में आजादी के बाद पहली बार रेल की आमद होगी.

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मालवा-निमाड़ में भी रेलवे लाइन की ही समस्या

बड़वानी जिला पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल का हिस्सा है. निकटतम रेलवे स्टेशन लगभग 150 किलोमीटर की दूरी इंदौर में है. यात्रियों को ट्रेन के लिए इंदौर शहर आना पड़ता है. आगर-मालवा के लोगों को रेल की सुविधा के लिए उज्जैन, आलोट और झालवाड़ तक का सफर सड़क से करना पड़ता है. उज्जैन-झालावाड़ रेल लाइन के शुरू होने से आगर मालवा में भी स्टेशन बन जाएगा. जिससे यात्रियों को सहूलियत होगी.

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