MP News: DSP और SI के बाद अब ASI का होगा तबादला, एक ही जिले में टिके एएसआई की संख्या एक हजार से ज्यादा

डीजीपी कैलाश मकवाना इस मामले में सख्त रूख अपनाए हुए हैं. गृह विभाग ने अप्रैल में 114 डीएसपी के तबादले किए थे, इनमें से आधे के लगभग डीएसपी रिलीव ही नहीं हुए. कुछ अफसर तबादला निरस्त करवाने के प्रयास में जुट गए, जबकि कुछ को पुलिस अधीक्षकों ने रिलीव नहीं किया.
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MP Police News: लंबे समय से एक ही जिले में जमे अफसरों को हटाने के बाद अब सहायक पुलिस उपनिरीक्षक (एएसआई) जो लंबे समय से एक ही जिले में पदस्थ रहे हैं, उन्हें हटाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. दरअसल डीजीपी कैलाश मकवाना इन दिनों पुलिस महकमे के सिस्टम को सुधारने में जुटे हुए हैं. जिसके चलते पहले उन्होंने डीएसपी, निरीक्षक, उपनिरीक्षकों को ऐसे जिलों से हटाया, जो इन पुलिस मुख्यालय जिलों में लंबे अरसे तक अपनी नौकरी कर चुके हैं.

2 महीने पहले आदेश जारी हुआ था

अब सहायक उपनिरीक्षकों की बारी है. पुलिस मुख्यालय ने करीब दो महीने पहले एक आदेश जारी किया था, जिसमें पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया था कि वे अपने जिले में डीएसपी से लेकर उपनिरीक्षक तक के अफसरों को एक ही जिले में अलग- अलग पोस्टिंग के रूप में दस साल या उससे ज्यादा का समय पूरा कर चुके हैं, उनकी जानकारी पुलिस मुख्यालय भेजी जाए. यह जानकारी अब पुलिस मुख्यालय पहुंच चुकी है. इस जानकारी के आधार पर डीएसपी, निरीक्षक और उपनिरीक्षकों के तबादले हो चुके हैं.

आरक्षक से प्रमोट होते हुए बने ASI

इस जानकारी में सबसे ज्यादा सहायक उपनिरीक्षकों के नाम सामने आए, जो अलग-अलग पदों पर अपनी नौकरी दस साल या उससे ज्यादा की एक ही जिले में कर चुके हैं. ऐसे एएसआई की संख्या एक हजार से ज्यादा बताई जाती है. अब इन्हें बदले जाने की कवायद तेज हो गई है. दरअसल एएसआई तक पदोन्नति से पहुंचा जाता है. ये एएसआई आरक्षक से भर्ती होकर प्रधान आरक्षक बने, उसके बाद इन्हें पदोन्नत कर सहायक उपनिरीक्षक बनाया गया.

डीजीपी मकवाना ने अपनाया सख्त रुख

डीजीपी कैलाश मकवाना इस मामले में सख्त रूख अपनाए हुए हैं. गृह विभाग ने अप्रैल में 114 डीएसपी के तबादले किए थे, इनमें से आधे के लगभग डीएसपी रिलीव ही नहीं हुए. कुछ अफसर तबादला निरस्त करवाने के प्रयास में जुट गए, जबकि कुछ को पुलिस अधीक्षकों ने रिलीव नहीं किया. पुलिस मुख्यालय ने ऐसे सभी डीएसपी की जानकारी तलब की, जिसमें पाया गया कि लगभग तीन महीने बाद भी 114 में से 52 डीएसपी रिलीव ही नहीं हुए हैं. डीजीपी के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा के स्पेशल डीजी आदर्श कटियार ने इन सभी को एक तरफा रिलीव कर दिया. साथ ही इस आदेश में यह भी स्पष्ट कर दिया कि नवीन पदस्थापना पर कार्यभार तत्काल ग्रहण करें, आदेश की अवहेलना पर एकपक्षीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इस आदेश के बाद पुलिस महकमें में हडकंप मच गया. जो निरीक्षक और उपनिरीक्षक भी रिलीव नहीं हुए थे, वे भी अब जल्द रिलीव हो रहे हैं.

इनसे से जो जिस जिले में आरक्षक से भर्ती हुआ, उसी जिले में ही प्रधान आरक्षक के रूप में नौकरी की, इसके बाद पदोन्नत होकर इसी जिले में उपनिरीक्षक बन गए. ऐसे में इनकी नौकरी दस साल से अधिक एक ही जिले में हो गई. इन सभी की जानकारी पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा में पहुंच गई है. इस जानकारी के बाद अब इनके तबादले की प्रक्रिया तेज हो गई है. ऐसा माना जा रहा है कि सहायक उपनिरीक्षकों के तबादलों की बड़ी सूची जल्द ही जारी हो सकती है.

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