MP News: मछली परिवार की दादागिरी! शारिक के समर्थन में इंस्टाग्राम स्टोरी नहीं लगाने पर की छात्र की पिटाई

MP News: पुलिस का कहना है कि आगे कि कार्रवाई जांच के बाद की जाएगी. जानकारी के मुताबिक शारिक मछली की स्टोरी इंस्टाग्राम पर नहीं लगाने के चलते शिवम नाम के लड़के की पिटाई कर दी. शारिक के गुर्गे महेंद्र चौहान ने शिवम की पिटाई की है
Shariq Ahmed, Shahwar, Shariq Machli (file photo)

शारिक अहमद, शाहवर, शारिक मछली (फाइल तस्वीर)

MP News: राजधानी भोपाल में मछली परिवार की दादागिरी का मामला फिर से सामने आया है. पिछले 3 महीने से लगातार मछली परिवार सुर्खियों में बना हुआ है. लव जिहाद और ड्रग्स मामले में प्रशासन ने भले ही इनका ठिकाना ध्वस्त कर दिया है लेकिन हौसले अब तक बुलंद बने हुए हैं. भोपाल में ड्रग्स और लव जिहाद के आरोप में घिरे शारिक मछली के समर्थन में इंस्टाग्राम पर स्टोरी नहीं लगने को लेकर एक युवक की पिटाई कर दी गई. शारिक के समर्थन में युवक के साथ जमकर मारपीट की है. इस मामले की पिपलानी थाने में पुलिस में लिखित में शिकायत दर्ज की गई है. जिसके बाद शारिक के खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है.

जांच के बाद करेंगे कार्रवाई- पुलिस

फिलहाल पुलिस का कहना है कि आगे कि कार्रवाई जांच के बाद की जाएगी. जानकारी के मुताबिक शारिक मछली की स्टोरी इंस्टाग्राम पर नहीं लगाने के चलते शिवम नाम के लड़के की पिटाई कर दी. शारिक के गुर्गे महेंद्र चौहान ने शिवम की पिटाई की है. शिवम ने महेंद्र के खिलाफ लिखित में आवेदन कर शिकायत दर्ज कराई है. शारिक के लिए सोशल मीडिया पर महेंद्र अभियान चला रहा है. शारिक के गुंडे आए दिन पीड़ितों को धमकाने का काम कर रहे हैं. पीड़ित कई बार थाने में आवेदन दे चुका है. फिर भी पीड़ितों की शिकायत पर अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हो पा रही है. पिपलानी पुलिस मामले की जांच कर रही है. गौरतलब है कि शारिक मछली के फेवर में कुछ लोग सोशल मीडिया पर रील बनाकर चला रहे हैं. जिसमें उसे बेगुनाह बताते हुए समर्थन देने की अपील कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: इंदौर का ये मार्केट दिल्ली के सरोजिनी बाजार को देता है टक्कर, 150 रुपये में मिलती हैं डिजाइनर कुर्तियां

सवालों के घेरे में पुलिस

प्रशासन में भले ही लव जिहाद मामले में मछली परिवार के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए हैं लेकिन शारिक मछली के खिलाफ मामला क्यों नहीं दर्ज हो रहा है. इस पर पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं. इसके पीछे का कारण है कि कई पीड़ितों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि दबाव में उनके मामले की सुनवाई नहीं की जा रही है. फिलहाल राजधानी में पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने जांच का भरोसा दिया है लेकिन बात वही हो रही है कि अब तक पुलिस ने एक्शन क्यों नहीं लिया है. आपराधिक मामले दर्ज करने में पुलिस लापरवाही और देरी क्यों बरत रही है, जबकि इस मामले में प्रशासन ने अवैध कब्जे और उसका मकान तक तोड़कर नेस्तनाबूद कर चुका है.

ज़रूर पढ़ें