Bhopal: एक माह की मासूम की हत्या की दोषी मां को उम्रकैद की सजा, पानी की टंकी में डुबोकर मारा था

Bhopal News: अदालत ने हत्या के मामले में किंजल की मां सरिता को भारतीय दंड संहिता के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. वहीं 1 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया
Mother sentenced to life imprisonment in case of murder of innocent child

मासूम की हत्या के मामले में मां को उम्रकैद की सजा

Bhopal News: भोपाल कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए बेटी किंजल की हत्या करने के मामले में मां सरिता मेवाडा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 1 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया है. साल 2020 में मामूस की हत्या मां ने पानी की टंकी में डुबोकर की थी.

पानी की टंकी में डुबोकर की थी हत्या

भोपाल के ग्राम डहरिया, खजूरी पुलिस थाना इलाके में रहने वाली सरिता मेवाडा ने अपनी एक महीने की मासूम बेटी को पानी की डुबोकर मार डाला था. ये पूरी घटना 16 सिंतबर 2020 की है. इसके बाद उसने पति से कहा था कि उसे भूत-प्रेत ले गए.

क्या है पूरा मामला?

एक माह की किंजल मेवाड़ा ग्राम डहरिया थाना खजूरी निवासी सचिन मेवाड़ा की बेटी थी. सचिन गांव में खेती करता है और उसकी शादी करीब 14 माह पहले हुई थी. सचिन की एक माह की मासूम अचानक लापता हो गई. पत्नी सरिता से पूछने पर उसने कहा की बच्ची को प्रेत आत्माएं ले गई हैं. परिजनों ने तलाश शुरू की तो करीब 4 बजे उसकी बॉडी प्लास्टिक के एक पानी के ड्रम में मिली.

ड्रम का ढक्कन बंद था. बच्ची को आखिरी बार मां के साथ देखा गया था, जबकि सचिन की मां और अन्य परिजन अपने-अपने कमरों में थे. खजूरी पुलिस थाने के तत्कालीन TI एलडी मिश्रा ने बच्ची की हत्या का शक जताया था. पूछताछ में मां शक गया तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद सारी बात पुलिस को बता दी. उसने बताया कि वो बेटी से नफरत करती थी.

ये भी पढ़ें: नहीं देखी होगी पुलिस की ऐसी दरियादिली, लोग भी तारीफ करने से खुद को नहीं रोक पाए

धारा 302 के तहत आजीवन कारावास

अदालत ने हत्या के मामले में किंजल की मां सरिता को भारतीय दंड संहिता के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. वहीं 1 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया. सरकार की ओर से इस केस की पैरवी सुधाविजय सिंह भदौरिया ने की थी. वहीं अतुल सक्‍सेना 23वें अपर सत्र न्‍यायाधीश ने 104 पेज का फैसला सुनाया.

रविंद्रनाथ टैगोर की पंक्तियों को भी कहा

फैसले के दौरान न्यायाधीश ने रविन्‍द्र नाथ टैगार की पंक्तियों के माध्यम से कहा कि जब एक पुत्री का जन्‍म होता है तो यह इस बात का निश्‍चायक सबूत है, कि ईश्‍वर मानव जाति से अप्रसन्‍न नहीं है क्‍योंकि ईश्‍वर पुत्रियों के माध्‍यम से स्‍वयं को साकार रूप देता है.

ज़रूर पढ़ें