Jabalpur: अनुसूचित जाति के व्यक्ति पर ही SC-ST एक्ट में मुकदमा दर्ज, युवक पर जातिसूचक गालियां देने का आरोप

ASP कृष्ण लालचंदानी ने बताया कि फरियादी अजय ने आरोपी का नाम दिनेश सिंह बताया था. इसलिए पुलिस ने सोचा कि वह जनरल या ओबीसी में आता होगा. इसलिए उस पर मामला दर्ज कर दिया गया
Thatipur Police Station of Gwalior(File Photo)

ग्वालियर का थाटीपुर थाना(File Photo)

Jabalpur News: ग्वालियर की थाटीपुर थाना पुलिस ने अजीबो गरीब कारनामा कर दिखाया है. अनुसूचित जाति के व्यक्ति पर ही SC/ST एक्ट का मामला दर्ज किया है. जब पुलिस को पता चला कि आरोपी भी अनुसूचित जाति का है तो पुलिस के भी होश उड़ गए. खास बात यह है कि पुलिस ने मामला दर्ज करने से पहले जांच पड़ताल नहीं कि आरोपी अनुसूचित जाति का है या नहीं है. वहीं अधिकारी ने इस मामले में आरोपी का SC/ST का सर्टिफिकेट मंगवाकर उन धाराओं को हटाने और दूसरी धाराओं में कार्रवाई करने की बात कही है.

जातिसूचक गालियां देने का लगाया था आरोप

थाटीपुर थाना क्षेत्र के गौतम नगर निवासी अजय सोनी उर्फ अजय जाटव ने थाने पहुंचकर शिकायत की थी कि करौली महल गांव निवासी दिनेश सिंह सरदार ने एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर उसे प्रताड़ित कर जाति सूचक गालियां दी हैं. जिस पर पुलिस ने बिना देर किए उसकी शिकायत पर दिनेश सिंह के खिलाफ गाली गलौज और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी.

आरोपी ने खुद जाकर पुलिस से की शिकायत

दिनेश सिंह को जब इस बात का पता चला कि उसके खिलाफ गाली गलौज के साथ ही पुलिस ने SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है तो वह खुद थाने जा पहुंचा. दिनेश सिंह ने बताया कि वह खुद अनुसूचित जाति में आता है. दिनेश सिंह के नाम से लोग पुकारते है जबकि वह दिनेश जाटव है और फिर पुलिस उसके खिलाफ इन धाराओं में कैसे मामला दर्ज कर सकती है. उसकी इस बात को सुन पुलिस भी हैरत में पड़ गई और बात पुलिस के आला अधिकारियों तक जा पहुंची.

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‘SC-ST का सर्टिफिकेट जमा करने पर हटेंगी धाराएं’

ASP कृष्ण लालचंदानी ने बताया कि फरियादी अजय ने आरोपी का नाम दिनेश सिंह बताया था. इसलिए पुलिस ने सोचा कि वह जनरल या ओबीसी में आता होगा. इसलिए उस पर मामला दर्ज कर दिया गया, लेकिन अब इस मामले का पता चलने पर आरोपी दिनेश को नोटिस भेजा गया है और उसे अनुसूचित जाति का सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने को कहा गया है. जैसे ही वह सर्टिफिकेट प्रस्तुत करेगा, तभी पुलिस SC/ST एक्ट की धाराओं को हटाकर दूसरी धाराओं में कार्रवाई करेगी. लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि अगर कोई शिकायतकर्ता SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज करता है तो पुलिस की जिम्मेदारी होती है कि वह इस मामले की जांच पड़ताल कर सुनिश्चित करे कि आरोपी किस जाति से आता है.

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