MP News: मंत्रियों के विशेष सहायकों को लेकर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कार्रवाई की मांग की, सीएम ने इस व्यवस्था को किया था निरस्त

MP News: ट्रांसपोर्ट मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के हाल में ही नियुक्त हुए विशेष सहायक सुनील सराफ के कार्यकाल को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री से जांच करने की मांग की है
Congress raised questions about special assistants of ministers

कांग्रेस ने मंत्रियों के विशेष सहायकों को लेकर उठाए सवाल

MP News: मध्य प्रदेश में सौरभ शर्मा के कैश और गोल्ड कांड के बाद अब कांग्रेस ने सरकार में मंत्री के विशेष सहायकों पर कार्रवाई की मांग की है. अभी तक दो पूर्व ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के कार्यकाल के दौरान टोल वसूली के मामले में कांग्रेस हमलावर थी. लेकिन अब मौजूदा ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर और डिप्टी सीएम के विशेष सहायकों पर कांग्रेस की विशेष नजर पड़ चुकी है. कांग्रेस ने ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर राव उदय प्रताप सिंह और डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के विशेष सहायकों को लेकर जांच करने की मांग की है.

उमंग सिंघार ने की विशेष सहायक की जांच की मांग

ट्रांसपोर्ट मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के हाल में ही नियुक्त हुए विशेष सहायक सुनील सराफ के कार्यकाल को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री से जांच करने की मांग की है. सोशल मीडिया पर प्रतिपक्ष सिंघार ने लिखा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव को चाहिए कि वे परिवहन मंत्री के विशेष सहायक के रूप में संजय सर्राफ की पदस्थापना की सूक्ष्म जांच कराएं.

उन्होंने आगे लिखा कि परिवहन विभाग में सौरभ शर्मा के कारनामे और अवैध करोड़ों रुपयों और सोने की जब्ती का मामला गर्म रहते संजय सर्राफ की पदस्थापना करना अपने आप में आश्चर्यजनक है. जांच योग्‍य है कि परिवहन मंत्री ने अपनी मर्जी से संजय सर्राफ को चुना या फिर किसी ऊपरी आदेश के पालन में संजय सर्राफ को विशेष सहायक बनाया गया.

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उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज संस्थान जबलपुर में संचालक के रूप में संजय सर्राफ की पदस्थापना के दौरान आदिवासी जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण की 8 करोड़, 42 लाख, 78 हजार रूपए की राशि के उपयोग में भारी गबन और भ्रष्टाचार हुआ.

कांग्रेस ने साधा निशाना

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ये दिलीप राज द्विवेदी हैं, जो उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के विशेष सहायक थे. रिटायर्ड तो 30 नवंबर 2024 को ही हो गए, पर “सेवा की निष्ठा” देखिए कि 20-21 दिसंबर 2024 को जैसलमेर में केंद्रीय वित्त मंत्री की मौजूदगी में आयोजित GST काउन्सिल में प्रदेश के प्रतिनिधि के रूप में वित्त मंत्री के साथ “अवैध” रूप से नजर आए.

उन्होंने आगे कहा कि भोपाल के गलियारों में चर्चा है कि उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री का केंद्र से GST लेनदेन का हिसाब होना आसान है. किंतु द्विवेदी के साथ का हिसाब इतना कठिन, कि रिटायर्ड होने के बाद भी साथ नहीं छूट रहा. कहते हैं इनका “जलवा” आज भी उप मुख्यमंत्री के कुनबे में बरकरार है और कई किस्सों में इनका हिस्सा चर्चित है.

सीएम ने निरस्त की थी विशेष सहायकों की नियुक्ति

मध्य प्रदेश में गुड गवर्नेंस की ओर बढ़ रही मोहन सरकार ने कुछ महीना पहले मंत्रियों के यहां पदस्थ हुए विशेष सहायकों की नियुक्ति निरस्त कर दी थी. मामला प्रहलाद पटेल ने विशेष सहायक की नियुक्ति को लेकर उठाया था. उन्होंने कहा कि भ्रष्ट और दागी अफसरों को विशेष सहायक ना बनाया जाए. इसके बाद मुख्यमंत्री दो से तीन महीने तक लगातार रिव्यू किया. उसके बाद विशेष सहायकों की नियुक्ति हो पाई लेकिन सौरभ शर्मा के कैश और गोल्ड कांड के बाद विशेष सहायकों पर कांग्रेस पूरी तरीके से नजर बनाए हुए हैं. उनके पुराने काले चिट्ठे को लेकर आए दिन कांग्रेस के नेता सवाल उठा रहे हैं.

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गोविंद राजपूत और भूपेंद्र सिंह से जुड़े सौरभ के कनेक्शन – कांग्रेस

पिछले दिनों सौरभ शर्मा को लेकर कांग्रेस के उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने तत्कालीन ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर भूपेंद्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत पर आरोप लगाए थे. सौरभ शर्मा की नियुक्ति भूपेंद्र सिंह के कहने पर हुई थी. इसके बाद शिवराज सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री रहे गोविंद सिंह राजपूत के संपर्क में भी आया और उसे दौरान भी टोल वसूली मध्य प्रदेश में लगातार चलती रही. जिसकी वजह से करोड़ों रुपये का काला धन सौरभ शर्मा की हर इकट्ठा हुआ. लोकायुक्त की कार्रवाई के दौरान सौरभ शर्मा की कमाई सामने आई.

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