MP News: मध्य प्रदेश बना 5 सालों के भीतर एमडी फैक्ट्री का हब, डीआरआई और नारकोटिक्स ने की कार्रवाई, 2600 करोड़ की पकड़ी ड्रग्स
नशे का सामान
MP News: मध्य प्रदेश में ड्रग्स की फैक्ट्री के कई बड़े मामले सामने हैं. फिर भी पुलिस के नाक के नीचे फैक्ट्री चल रही थी. पिछले 5 सालों में पुलिस को छोड़कर दो बड़ी एजेंसियों ने मध्य प्रदेश में कार्रवाई की है. डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस और नारकोटिक्स ने 5 सालों के भीतर 2600 करोड रुपए का ड्रग्स और कच्चा माल बरामद किया है. खास बात है कि 5 राज्यों से सटे मध्य प्रदेश को ही ड्रग्स माफिया ने चुना है. उसके पीछे की वजह है की पांच राज्यों के बॉर्डर से मध्य प्रदेश डंकी रूट तस्करी के लिए तैयार हुआ है.
मेफेड्रोन नामक ड्रग्स की फैक्ट्री का खुलासा
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा मेफेड्रोन नामक ड्रग्स की फैक्ट्री का खुलासा अब तक हुआ है. ड्रग्स की फैक्ट्री और तस्करी में शामिल 40 कुख्यात आरोपियों को जेल में बंद किया गया है. नारकोटिक्स के अधिकारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश पांच राज्यों से सटा हुआ है. आसानी से यहां पर ड्रग्स की फैक्ट्री तैयार हो जाती है. मध्य प्रदेश के आसपास कई राज्यों के बॉर्डर है जहां ड्रग्स सप्लाई आसानी से की जा सकती है. यही कारण है कि मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में ड्रग्स बनाने का काम पिछले दिनों तस्करों ने किया था. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, यूपी और छत्तीसगढ़ से जुड़ा हुआ है.
तुर्की में बैठे ड्रग्स माफिया ने भोपाल में फैक्ट्री लगाई थी
पिछले कुछ सालों पहले गुजरात और मुंबई पोर्ट से एमडी ड्रग्स लेकर आया जाता था. यहां पर सख्ती होने के बाद मध्य प्रदेश में ही इसकी फैक्टरी शुरू हो गई. कच्चे माल से करोड़ों रुपए की ड्रग्स बनाकर सप्लाई किया करते थे. कई केमिकल के फ्यूजन और तकनीक का सहारा लेकर ड्रग्स की फैक्ट्री चल रही थी. पिछले दिनों जगदीशपुर इस्लामनगर में हुई कार्रवाई का खुलासा इंटरनेशनल कनेक्शन से हुआ था तुर्की में बैठे ड्रग्स माफिया ने भोपाल में फैक्ट्री लगाई थी.
5 सालों में हुई बड़ी कार्रवाई
- साल 2019 में अयोध्या नगर में 25 करोड़ की ड्रग्स पकड़े थी यह पहली फैक्ट्री थी
2. बैरागढ़ चीचली में पुलिस ने 38 किलो एमडी के साथ गिरफ्तार किया था करीबन 40 करोड़ कीमत थी
3. कोलार में 45 किलो ड्रग्स और मशीनरी पकड़ी गई थी जिसकी कीमत 50 करोड रुपए थी
4. इत में 62 किलो ड्रग्स का कच्चा माल बरामद किया था जिसकी अंतरराष्ट्रीय मार्केट में 65 करोड़ कीमत थी
5. जगदीशपुर में 61 किलो ड्रग्स बरामद किया गया जिसकी कीमत 92 करोड़ थी
6. नर्मदा पुरम स्थित इलाके में 30 किलो ड्रग्स बरामद किया जिसकी कीमत 35 करोड रुपए थी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1800 करोड रुपए की ड्रग्स पाई गई
पिछले साल गुजरात एटीएस और डायरेक्टरेट ऑफ़ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने भोपाल में एक बड़ी कार्रवाई की थी. राजधानी के इंडस्ट्रियल एरिया बागरोदा में एमडी ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री का खुलासा हुआ था. यहां से कई टन एमडी ड्रग्स बनाने का कच्चा माल बरामद हुआ था. बाकायदा फैक्ट्री का खुलासा किया गया. यहां से कच्चे माल और ड्रग्स की कीमत का आकलन करने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1800 करोड रुपए की ड्रग्स पाई गई थी.
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एमपी के सबसे ज्यादा ड्रग्स सप्लाई वाले जिले
मध्य प्रदेश में मंदसौर एमपी ड्रग्स और अफीम का सबसे बड़ा हब है. इसमें नीमच अफीम उत्पादन और ड्रग्स तस्करी के केंद्र से जुड़ा हुआ है. खास तौर पर राजस्थान से जुड़ने के कारण रतलाम भी अफीम तस्करी वाला रूट बन चुका है. मंदसौर के अलावा झाबुआ और अलीराजपुर में एनसी ने सबसे ज्यादा कार्रवाई की है. छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से जुड़े होने के कारण बालाघाट गांजा और अफीम सप्लाई के लिए सबसे ज्यादा सुखिया में रहा है. इसी तरीके से सिंगरौली और अनूपपुर भी गांजा और अफीम के लिए तस्करों का सबसे बड़ा रूट है. यूपी सीमा से जुड़ने के कारण भिंड और मुरैना भी अफीम और गाजा तस्करी के लिए सबसे ज्यादा मुफीद रास्ता है. महाराष्ट्र सीमा से जुड़ा बुरहानपुर मुंबई नेटवर्क ड्रग सप्लाई मामलों में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा है.