धान खरीदी घोटाला में EOW की कार्रवाई; 25 टीमों की 12 जिलों में छापेमारी, 20 हजार क्विंटल की हेराफेरी

मध्य प्रदेश में हुए धान घोटाले के मामले में EOD की टीम ने 12 जिलों में छापेमारी की है. करीब 5 हजार क्विंटल धान की हेराफेरी की गई है.
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धान हो रहा बर्बाद

EOW’s Action In Paddy Purchase Scam: मध्यप्रदेश में धान खरीद घोटाले को लेकर EOW(आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) ने कार्रवाई की है. EOW की 25 टीमों ने 12 जिलों में छापेमारी की है. ये कार्रवाई लगभग 20 हजार क्विंटल धान की हेराफेरी को लेकर की गई है. इसमें करीब 5 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है.

हो सकते हैं बड़े खुलासे

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर EOW ने छापेमारी की है. सूत्रों के मुताबिक जांच में धान खरीद घोटाले में बड़े खुलासे हो सकते हैं. EOW की टीम 12 जिलों की 150 उपार्जन समितियों और 140 वेयरहाउस की जांच कर रही है.

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20 हजार क्विंटल धान की हेराफेरी

अब तक की जांच में लगभग 20 हजार क्विंटल (19,910.53 क्विंटल) धान की हेराफेरी की गई है. जिसकी कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये है. EOW की जांच में कई समितियों में बड़े स्तर पर फर्जीवाडे़ सामने आए हैं. राइस मिलों के मालिक से लेकर वेयर हाउस के शामिल होने की बात सामने आ रही है.

फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाकर किया घोटाला

EOW की 25 टीमें मामले में जगह-जगह छापेमारी क रही हैं. अब तक हुई जांच में सामने आया है कि किसानों के नाम पर फ4जी रजिस्ट्रेशन करवाकर धान उपार्जित किए गए. किसानों के नामपर उपार्जन पोर्टल पर रिकॉर्ड दर्ज करवाए जाते थे और फिर फर्जी दस्तवाजे दिखाकर सरकारी भुगतान लिया जाता था. इस पूरे घोटाले में ट्रांसपोर्ट और वेयरहाउस की भी मिलीभगत रहती थी.

12 जिलों में हुई जांच 


EOW की टीमें 12 जिलों में जांच कर रही है. इनमें बालाघाट, जबलपुर, डिंडोरी, रीवा, सतना, मैहर, सागर, पन्ना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर और श्योपुर जिले शामिल हैं. अभी 79 से अधिक उपार्जन समिति के पदाधिकारियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई है. इसके अलावा ट्रांसपोर्टर, वेयरहाउस और राइस मिलों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. मामले में अभी और भी लोगों के घोटाले में होने की संभावना जताई जा रही है.

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