Gwalior: सोशल मीडिया में अश्लीलता के खिलाफ हाई कोर्ट में देश की पहली PIL दायर, सेंसरशिप लागू करने की मांग
ग्वालियर खंडपीठ
Gwalior News: सोशल मीडिया पर दिखाई जा रही रील्स पर फैली अश्लीलता को रोकने के लिए देश में पहली बड़ी जनहित याचिका (Public Interest Litigation) दायर हुई है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench) में मुरार निवासी अनिल बनवारिया द्वारा अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया के माध्यम से यह PIL दायर की गई है. जिस पर सुनवाई सोमवार यानी 17 फरवरी को हाईकोर्ट में हुई. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद केंद्र सरकार से सोशल मीडिया रील्स से जुड़े नियमों की जानकारी मांगी है. मामले की अगली सुनवाई 3 मार्च को होगी.
‘रील्स के नाम पर अश्लीलता परोसी जा रही है‘
देशभर में लोग सोशल मीडिया पर रील्स के जरिए खूब फेम हासिल कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर इन्हीं रील्स के जरिए जमकर अश्लीलता भी परोसी जा रही है. इसका समाज पर विपरीत प्रभाव भी पड़ रहा है. इसी गंभीर मुद्दे को लेकर देश में पहली बार जनहित याचिका दायर हुई है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर हाईकोर्ट में मुरार निवासी अनिल बनवारिया ने एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया के जरिए जनहित याचिका दायर की है. याचिका में बताया गया है कि सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर रील्स के जरिये अश्लीलता दिखाई जा रही है, जो केंद्र सरकार के आईटी एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है. उसके बावजूद ना तो इन्हें रोका जा रहा है और ना ही इन मामलों में कोई FIR दर्ज की जा रही है.
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कोर्ट ने मध्य प्रदेश को पक्षकार बनाने के लिए कहा
ऐसे में सोशल मीडिया रील्स और उस पर दिखाई जा रही है. अश्लीलता के खिलाफ दायर याचिका में सेंसरशिप लागू करने सहित नियमों के दायरे में लाने की मांग की गई है. हाईकोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान मुद्दे को गम्भीर माना है. हाईकोर्ट ने इस PIL में याचिकाकर्ता को मध्य प्रदेश शासन को पक्षकार बनाने का आदेश दिया है.
3 मार्च को होगी अगली सुनवाई
केंद्र सरकार के वकील को भी निर्देशित किया कि सोशल मीडिया पर फैली अश्लीलता को रोकने के संबंध में केंद्र सरकार क्या-क्या कर सकती है? क्या-क्या नियम लागू किये जा सकते हैं? और इसके संबंध में क्या कोई नियम बनाए गए हैं. इसकी जानकारी अगली सुनवाई में तलब की है. मामले की आगामी सुनवाई 3 मार्च को नियत की गई है. गौरतलब है कि याचिका में अमेरिका स्थित फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, गूगल, सहित केंद्र सरकार को पार्टी बनाया गया है.