सनातनी युवाओं को जोड़ने वृंदावन से पैदल चलीं हर्षा रिछारिया, इस दिन संभल में खत्म होगी पदयात्रा
हर्षा रिछारिया की पदयात्रा
Harsha Richhariya: प्रयागराज महाकुंभ 2025 से सुर्खियों में छाईं सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर हर्षा रिछारिया एक खास मकसद से पदयात्रा पर निकल चुकी हैं. 14 अप्रैल को वृंदावन से उन्होंने यह यात्रा शुरू की है, जिसका उद्देश्य युवक-युवतियों को सनातन धर्म के मार्ग से जोड़ना है. हर्षा इस पदयात्रा के दौरान 7 दिनों में 175 KM का सफर तय कर के संभल पहुंचेंगी. यहीं 21 अप्रैल को उनकी इस पदयात्रा का समापन होगा.
हर्षा रिछारिया की पदयात्रा
बांके बिहारी का जयकारा लगाते हुए सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर हर्षा रिछारिया पदयात्रा पर निकल चुकी हैं. 14 अप्रैल को वृंदावन से शुरू हुई यह यात्रा सर्वांगीण समाज उत्थान समिति के तहत निकाल रही है. वृंदावन के बाद राया, अलीगढ़, बुलंदशहर होते हुए यह पदयात्रा संभल तक जाएगी. हर्षा 7 दिनों में 175 KM का सफर तय 21 अप्रैल को संभल में इस पदयात्रा का समापन करेंगी.
क्यों पदयात्रा पर निकलीं हर्षा रिछारिया?
हर्षा रिछारिया ने अपनी पदयात्रा के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और सनातनी युवाओं को जोड़ने के लिए पदयात्रा निकाल रही हैं. इस पदयात्रा का उद्देश्य उन युवक-युवतियों को सनातन धर्म के मार्ग पर वापस लाना है, जो किसी कारणवश अपने धार्मिक मूल से भटक गए हैं. इस यात्रा का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा युवाओं को सनातन धर्म से जोड़ना है. यह कोई विवाद का विषय नहीं है, बल्कि जागरूकता फैलाने का एक प्रयास है. अगर इस यात्रा के जरिए लोग धर्म की ओर लौटते हैं, तो इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता.
ये भी पढ़ें- अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, जानें घर बैठे कैसे कर सकते हैं अप्लाई
उन्होंने आगे कहा था कि मथुरा-वृंदावन भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण की लीला भूमि रही है. वहीं, हिंदू मान्यताओं के अनुसार, कलियुग में भगवान विष्णु का दसवां अवतार कल्कि, संभल में प्रकट होंगे. इसी वजह से उन्होंने अपनी पदयात्रा की शुरुआत वृंदावन से करने और इसका समापन संभल में करने का फैसला किया है.