MP: बारिश शुरू होते ही मच्छर से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ा, HC ने सरकार से पूछा- रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए

हाई कोर्ट ने जिम्मेदारों से पूछा है कि डेंगू की रोकथाम के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं और मच्छरों को रोकने के लिए फागिंग मशीन के क्या इंतजाम किए गए हैं.
The High Court sought a reply from the government on the arrangements made to deal with mosquito-borne diseases.

मच्छर से होने वाली बीमारियों को लेकर किए गए इंतजाम पर हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा.

MP High Court: मध्य प्रदेश में बारिश का दौर शुरू होते ही एक बार फिर मच्छरजनित बीमारियां का प्रकोप फैलता जा रहा है. डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के मरीज सामने आ रहे हैं. इस मामले को हाईकोर्ट ने भी बेहद गंभीरता से लेते हुए एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद राज्य सरकार से पूछा है कि डेंगू चिकनगुनिया समेत अन्य वर्षा जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं.

याचिका में कहा- जिम्मेदार नहीं उठा रहे जरूरी कदम

जबलपुर निवासी सौरभ शर्मा और विजय बजाज की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में एक बार फिर डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां पैर फैला रही हैं. लेकिन उनकी रोकथाम के लिए जिम्मेदार विभाग कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं. अदालत को बताया गया है कि प्रदेश में डेंगू चिकनगुनिया तेजी से फैल रहा है और हर दिन अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश के जिम्मेदार विभाग केवल खाना पूर्ति कर रहे हैं. ना तो छोटी बस्तियां निचले इलाकों में कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है और ना ही फॉगिंग मशीन का इस्तेमाल कहीं नजर आता है. जागरूकता के नाम पर केवल दिखावा किया जा रहा है. डेंगू की रोकथाम करने के लिए हाई कोर्ट द्वारा पहले भी सरकार को दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं. लेकिन पालन नहीं किया जा रहा है. खामियाजा आम जनता भुगत रही है.

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हाई कोर्ट ने कहा- 4 हफ्तों में रिपोर्ट पेश करें

हाई कोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार और नगरी निकायों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हाई कोर्ट ने जिम्मेदारों से पूछा है कि डेंगू की रोकथाम के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं और मच्छरों को रोकने के लिए फागिंग मशीन के क्या इंतजाम किए गए हैं. इसकी रिपोर्ट भी हाई कोर्ट ने चार हफ्तों में पेश करने का निर्देश दिया है. मामले पर अगली सुनवाई 5 अगस्त को तय की गई है.

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