‘SC-ST बच्चों को सिविल जज नहीं बनने दे रहा हाई कोर्ट…’, IAS संतोष वर्मा का एक और विवादित बयान

Santosh Verma High Court Remark: IAS संतोष वर्मा के हाई कोर्ट पर दिए विवादित बयान से नया विवाद खड़ा हो गया है. ब्राह्मण समाज आज प्रेस वार्ता करेगा और उनके खिलाफ आंदोलन की घोषणा हो सकती है.
IAS Santosh Verma

आईएएस संतोष वर्मा

IAS Statement Controversy: IAS संतोष वर्मा ने ब्राह्मण समाज के बाद अब हाई कोर्ट पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट SC-ST बच्चों को सिविल जज नहीं बनने दे रहा. IAS के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहसबाजी शुरू हो गई है. दोपहर 12 बजे आज ब्राह्मण समाज IAS संतोष वर्मा को लेकर प्रेस वार्ता आयोजित करेगा, जिसमें संतोष वर्मा के खिलाफ आंदोलन करने की घोषणा की जा सकती है.

संतोष वर्मा ने हाई कोर्ट को लेकर कहा, “आपको पता है कि अभी जो एग्जाम हुआ उसमें हमारे एसटी/एससी के बच्चे सिलेक्ट नहीं हुए, उनको योग्य उम्मीदवार नहीं मिले. ज्यूडिशरी में हमारा ‘बीज’ खत्म किया जा रहा है. लेकिन क्या आपको पता है कि हमारा बच्चा IAS-IPS बन सकता है, पर सिविल जज नहीं? सिविल जज का ऐसा कौन सा एग्जाम होता है कि जिसमें हमारा बच्चा 40-50 मार्क्स नहीं ला सकता.”

हाई कोर्ट पर लगाए आरोप

IAS ने आगे कहा, “आपने उसके लिए 50 प्रति शत कटऑफ तय कर दिया है. और आपने यह तय कर लिया है कि इसको (SC-ST) 49.95 नंबर देना है, 50 नहीं देना है. आपने देख लिया कि इसको इंटरव्यू में 20 नंबर नहीं देना है, इसको 19.5 नंबर देना है. तो भाई कौन सिविल जज बना देगा हमारे बच्चों को, ये कौन सा आरक्षण है. ये कौन सा नियम है. और ये कौन कर रहा है, ये हमारा हाई कोर्ट कर रहा है. जिससे हम न्याय की उम्मीद करते हैं, जिससे हम बाबा साहब के संविधान के हिसाब से चलने की गारंटी मानते हैं, वहीं से हो रहा है ये सब. हाई कोर्ट ही रोक रहा है.”

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पहले भी दे चुके भड़काऊ बयान

IAS संतोष वर्मा के इस बयान के बाद अब विवाद बढ़ता नजर आ रहा है. इससे पहले ही उन्होंने एक भड़काऊ बयान देते हुए कहा था कि “कितने संतोष वर्मा को मारोगे, हर घर से निकलेगा एक संतोष वर्मा” संतोष वर्मा ऐसी बयानबाजी उस समय कर रहे हैं, जब सरकार ने उन्हें पहले से ही नोटिस जारी कर चुका है. कार्रवाई की तलवार उन पर लटकी हुई है. यह बयान उन्होंने मध्य प्रदेश अनु सूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (अजाक्स) के मंच से दिया है. इस बयानबाजी के बाद संतोष वर्मा की गिरफ्तारी को लेकर एक बार फिर मांग तेज हो गई है.

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