जबलपुर में ब्रेन डेड युवक के अंगों से 3 लोगों को मिला जीवनदान, हॉस्पिटल से एयरपोर्ट तक बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर

MP News: सिवनी के घंसौर में रहने वाला 34 वर्षीय युवक सत्येंद्र यादव सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था. हादसे के बाद युवक को नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटलले जाया गया. जहां बुधवार रात डॉक्टर ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया.
Human Organs

ऑर्गन डोनेशन (सांकेतिक तस्वीर)

MP News: मध्य प्रदेश के जबलपुर के एक ब्रेन डेड मरीज के अंगदान से 3 लोगों को जीवनदान मिलने जा रहा है. जबलपुर के हॉस्पिटल में भर्ती ब्रेन डेड मरीज के परिजनों ने उसके अंगदान करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. ऑर्गन ट्रांसफर करने के लिए हॉस्पिटल से डुमना एयरपोर्ट तक 25 किमी का ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया.

हादसे में युवक हुआ था ब्रेन डेड

सिवनी के घंसौर में रहने वाला 34 साल का युवक सत्येंद्र यादव सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था. हादसे के बाद युवक को नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां बुधवार यानी 6 अगस्त की रात डॉक्टर ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. युवक के ब्रेन डेड हो जाने के बाद डॉक्टरों ने उसके परिजन को अंगदान की जानकारी दी. अंगदान की बात पर युवक के परिजनों तैयार हो गए और गुरुवार यानी 7 अगस्त को प्रक्रिया शुरू कर दी गई.  

3 लोगों को मिलेगा जीवनदान

मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना ने बताया कि अंगदान करने वाले इस मरीज का हार्ट, लीवर और किडनी दान किया गया है. मरीज का दिल गुजरात के अहमदाबाद में एक जरूरतमंद मरीज के लिए भेजा जा रहा है. लीवर एक मरीज को यह नया जीवन देने के उद्देश्य से भोपाल भेजा जा रहा हैं. डीन ने आगे बताया कि युवक की एक किडनी जबलपुर में ही जरूरतमंद मरीज को ट्रांसप्लांट की जाएगी. वहीं दूसरी किडनी को भी सुरक्षित रखा गया है. इस अंगदान से यह साफ हो गया है कि एक व्यक्ति का निर्णय कई परिवारों के जीवन में खुशियां ला सकता है.

हॉस्पिटल से एयरपोर्ट तक बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर

ग्रीन कॉरिडोर बनाने की प्रक्रिया गुरुवार सुबह 8.30 बजे से शुरू कर दी गई थी. इसमे ग्रीन कॉरिडोर से लगभग 10:30 बजे मरीज के अंगों को सुरक्षित एंबुलेंस के माध्यम से जबलपुर एयरपोर्ट (डुमना एयरपोर्ट) के लिए रवाना किया गया है. मरीज के ऑर्गन लगभग 11 बजे एयरपोर्ट पहुंचाए गए, जहां से उन्हें भोपाल और अहमदाबाद भेजा गया है..ऑर्गन्स को समय से पहुंचाने के लिए बरगी हिल्स रामपुर का रूट से सीएमएस होते हुए सिविल लाइन से डुमना के बीच विशेष ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया.

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क्या है ग्रीन कॉरिडोर?

अंगों को समय पर उनके गंतव्य तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती होती है. इसके लिए, ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन के सहयोग से मेडिकल अस्पताल से लेकर एयरपोर्ट तक एक विशेष रूट बनाया जाता है. इस कॉरिडोर के जरिए एंबुलेंस को बिना किसी रुकावट के एयरपोर्ट तक पहुंचाने की औपचारिकता सुनिश्चित की जाती है ताकि अंगों को तुरंत फ्लाइट से भेजा जा सके. अंगदान की इस पहल से जबलपुर में जागरूकता बढ़ी है और यह साबित हुआ है कि अंगदान वास्तव में महादान है.

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