MP के स्कूलों में 10 साल में घटे 24 लाख छात्र, ​हितग्राही हुए कम, बढ़ा विभाग का बजट

MP News: साइकिल लेने वाले हितग्राहियों की संख्या भी वर्ष 2015-16 में 2.40 लाख थी जो अब मात्र एक लाख 38 हजार रह गई है. इसी तरह गणवेश लेने वाले 78 लाख 95 हजार से घटकर 54 लाख 58 हजा रह गए है
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प्रतिकात्‍मक तस्‍वीर( AI Generated)

MP News: मध्‍य प्रदेश में पंजीकृत लगभग 88 प्रतिशत बच्चों में से स्कूलों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या वर्ष 2015-16 की अपेक्षा वर्ष 2025-26 में काफी कम हो गई है. इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को साइकिल, गणवेश, पाठ्यपुस्तक वितरण और छात्रवृत्ति वितरण में भी कमी आई है. वर्ष 15-16 में जहां 78 लाख 06 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत थे वहीं इनकी संख्या वर्ष 25-26 में 54 लाख 58 हजार रह गई है.

विद्यार्थियों के संख्‍या पर शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी

साइकिल लेने वाले हितग्राहियों की संख्या भी वर्ष 2015-16 में 2.40 लाख थी जो अब मात्र एक लाख 38 हजार रह गई है. इसी तरह गणवेश लेने वाले 78 लाख 95 हजार से घटकर 54 लाख 58 हजा रह गए है. छात्रवृत्ति लेने वाले भी 2 लाख 27 हजार 371 से घटकर 1 लाख 27 हजार 719 रह गए है. विधायक पंकज उपाध्याय के सवाल के लिखित जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया कि मध्यान्ह भोजन (मिड डे मील) पाने वाले विद्यार्थी वर्ष 2015-16 में प्राथमिक स्कूल में 39 लाख 28 हजार थे जो अब वर्ष 2025-26 में घटकर 23 लाख 98 हजार रह गए है. माध्यमिक स्कूल में इनकी संख्या वर्ष 2015-16 में 24 लाख 82 हजार से वर्तमान में घटकर 15 लाख 33 हजार रह गई है.

घट गए हितग्राही, बढ़ गया विभाग का बजट

निशुल्क पाठ्यपुस्तक, साइकिल और स्कॉलरशिप पाने वाले भी कम हुए हैं. उन्होंने बताया कि इन स्कूलों में दिया जा रहा बजट इस अवधि में जरूर बढ़ गया है. शिक्षा 12वीं तक नहीं हुई है. जबकि तीन फीसदी से कम बच्चों ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है. किसी भी अनाथ बच्चे ने पोस्ट ग्रेजुएशन नहीं किया है. हालांकि 2018 से अब तक 124 बच्चों को शासकीय, अशासकीय रोजगार मिल चुका है. यह जानकारी विधानसभा में महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने विधायक दिलीप सिंह परिहार के सवाल के लिखित जवाब में दी.

अनाथ बच्चों की पढ़ाई पर भी उठे सवाल

महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि प्रदेश में रजिस्टर्ड अनाथ बच्चों की संख्या 349 है, इसमें से 33 बच्चों ने 12वीं की कक्षा उत्तीर्ण की है, जबकि 10 बच्चों ने स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की है. स्नातक किए गए सभी बच्चे जबलपुर में रजिस्टर्ड हैं. इनमें से किसी भी बच्चे ने पोस्ट ग्रेजुएशन नहीं किया है. जवाब में बताया गया कि जबलपुर में पंजीकृत अनाथ बच्चों की संख्या 106 हैं, इसमें से 14 ने 12 वीं और 10 ने स्नातक की परीक्षा पास की है. वहीं इंदौर में 33 बच्चे हैं, इनमें से सिर्फ एक ने ही 12वीं की कक्षा उत्तीर्ण की है.

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परीक्षा का स्तर गिरा, छात्र हो रहे फेल

सागर में बच्चों की संख्या 40 है, इनमें से 6 ने 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है. उज्जैन में 21 बच्चे हैं, इनमें से एक ने 12वीं की परीक्षा पास की है. भोपाल में 13 बच्चों में से किसी ने भी 12 की परीक्षा उत्तीर्ण अब तक नहीं की है. ग्वालियर में 18 बच्चे हैं यहां पर भी किसी भी बच्चे ने 12 की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है.

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