MP News: एमपी में बाबुओं की लापरवाही से रुकी सीएम कन्या विवाह योजना की राशि, हितग्राहियों को बताया अपात्र
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की राशि अपात्र बताकर नहीं दी जा रही
MP News:राज्य सरकार बेटियों के विवाह के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह और मुख्यमंत्री कन्या निकाह योजना चला रही है. हर साल हजारों की संख्या में इन योजनाओं का लाभ उठाकर माता-पिता अपनी बेटियों के हाथ पीले करते हैं, लेकिन जिला स्तर, जनपद पंचायत और नगर परिषद में बाबू की गलती से कई मामलों में उन्हें अपात्र और अनुपस्थित बताकर मदद रोक दी गई है. अब प्रदेश भर में ऐसे मामलों की जांच की जाएगी और जिला स्तर पर विवाह पोर्टल पर प्रकरणों को अनलॉक कर विभाग अपनी गलती सुधारेगा.
क्या है पूरा मामला?
सामाजिक न्याय दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग, मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह और मुख्यमंत्री निकाह योजना का ऑनलाइन क्रियान्वन मध्य प्रदेश का विकसित विवाह पोर्टल के माध्यम से करता है. इस पोर्टल पर स्थानीय निकायों को जानकारी दर्ज करना होता है. सामूहिक विवाह निकाह कार्यक्रम की जानकारी प्राप्त कर आवेदनों को ऑनलाइन किया जाता है. ऑनलाइन दर्ज आवेदनों को पात्र और अपात्र किया जाता है. पात्र आवेदनों को विवाह और निकाह के बाद पोर्टल पर उपस्थित और अनुपस्थिति दर्ज की जाती है. उपस्थित कार्यों को भुगतान की जानकारी भी देनी होती है.
सामाजिक न्याय आयुक्त ने इन प्रकरणों के डिस्पोजल की समीक्षा की तो उनकी जानकारी में यह आया कि जिला स्तर जनपद पंचायत और नगर पालिका परिषद से पत्र संचालनालय में आ रहे हैं. उसमें बताया जा रहा है कि हितग्राहियों को त्रुटिवश अपात्र और अनुपस्थिति दर्ज किया गया है. जबकि ऐसा नहीं है अब ऐसे मामले अपात्र और अनुपस्थित हो जाने के बाद विवाह पोर्टल पर लॉक हो जाते हैं और उन्हें दी जाने वाली मदद रोक दी जाती है. ऐसे मामलों में मैदानी अफसर पोर्टल पर लॉक हुए पकड़े को अनलॉक करने के लिए संचालनालय को पत्र भेज रहे हैं. आयुक्त ने कहा कि ऐसे मामलों को अनलॉक कर सुविधा विवाह पोर्टल पर जिला स्तर पर लॉगइन उपलब्ध है.
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अधिकारियों को यह दिए निर्देश
जिलाधिकारी निकायों से प्राप्त पत्रों के आधार पर जिला स्तर पर ही प्रकरण को विवाह पोर्टल पर अनलॉक कर सकेंगे. ऐसे प्रकरण संचालनालय को नहीं भेजे जाएंगे. जहां त्रुटि जिला स्थल जनपद पंचायत, नगर पालिका परिषद पर हुई है. उन्हें जांच कर जिलों में ही सुधर जाएगा और हितग्राहियों को राशि दी जाएगी. ऐसे मामलों में जिला स्तर से संचनालय को पत्र भेजने से इनकार किया गया है. यदि किसी कारण विवाह पोर्टल पर पंजीयन नहीं हो पाया है तो आवेदन को पोर्टल पर पंजीयन करेंगे. साथ ही विवाह पोर्टल पर जानकारी दर्ज करने के लिए कलेक्टर की तरफ से अनुशंसा भी की जाएगी.